कोरबा : बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के विरोध में जलाया गया कैंडल.. कटघोरा में श्रमजीवी पत्रकार संघ ने नम आँखों से दी श्रद्धांजलि

कटघोरा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : बीजापुर जिले में स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की जघन्य हत्या के विरोध में कोरबा जिले में भी आक्रोश देखने को मिला। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यों ने बुधवार शाम को कटघोरा के शहीद वीर नारायण चौक पर कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

संघ के जिला उपाध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार गोपाल मित्तल ने बताया कि इस घटना ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की। गोपाल मित्तल ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

पत्रकारों की सुरक्षा की मांग

विरोध प्रदर्शन में मौजूद पत्रकारों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। साथ ही, भारत सरकार से यह अपील की कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कानून लागू किए जाएं।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ये हुए शामिल

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष राहुल डिक्सेना , जिला उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल मित्तल, जिला कोषाध्यक्ष हितेश अग्रवाल, जिला मंत्री निशांत झा, डॉ शेख इश्तियाक, हसन अली, पाली ब्लॉक अध्यक्ष रितेश जायसवाल, कुसमुंडा ब्लॉक अध्यक्ष ओम गभेल, कटघोरा ब्लॉक अध्यक्ष शशिकांत डिक्सेना, बाकी मोगरा ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र सिंह, शारदा पाल, मनहरण साहू, साबिर अंसारी, नागेंद्र सिंह, सूरज कश्यप, हिमांशु डिक्सेना, आशुतोष शर्मा, शिव प्रसाद गुप्ता, मलय जायसवाल, महेश वाधवानी, विभूति कश्यप, शिव शंकर जायसवाल, सुनील महंत, रामचरण साहू शत्रुघ्न पटेल, नागेंद्र विश्वकर्मा, जमील खान, नरेश महंत, जितेंद्र गुप्ता, किशन केसरवानी, सरफराज शेख, विनोद राज, विनोद जायसवाल प्रमुख रूप और कई अन्य पत्रकार शामिल थे।

पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत इस पत्रकार की हत्या से राज्य में सक्रिय पत्रकारों की सुरक्षा पर चिंता बढ़ गई है। सभी ने इस घटना की निंदा करते हुए मांग की कि सरकार दोषियों को कानून के शिकंजे में लाकर सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित करे।

इस विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट हुआ कि पत्रकारों की सुरक्षा अब एक गंभीर मुद्दा बन गई है, और इसे अनदेखा करना अब संभव नहीं।

आरोपियों को न्यायिक रिमांड

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के मामले में आरोपियों को आज बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।

3 जनवरी को मिला था शव

बता दें कि, पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को उनके घर के नए बने सैप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। मामले की जांच में खुलासा हुआ कि हत्या अत्यंत बेरहमी से की गई थी। धारदार हथियार से वार कर उनकी जान ली गई थी और शव को छिपाने के लिए सैप्टिक टैंक में डाल दिया गया था। जांच के दौरान यह सामने आया कि मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इससे नाराज होकर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके सहयोगियों ने हत्या की साजिश रची।

मुख्य आरोपी और सहआरोपी गिरफ्तार

सिविल ठेकेदार सुरेश चंद्राकर इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। उसके साथ ही उसके दो भाइयों और एक मुंशी को भी सहआरोपी बनाया गया है। मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को दो दिन पहले हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। दूसरी तरफ पत्रकार की हत्या को लेकर छत्तीसगढ़ समेत देशभर के पत्रकारों और आम लोगों में आक्रोश है। सभीआरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।

एसआईटी कर रही है जांच

राज्य सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इस मामले में न्याय का आश्वासन दिया है। यह हत्याकांड न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि इसे लोकतंत्र के स्तंभ पर गहरी चोट के रूप में देखा जा रहा है।