कोरबा : कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने कार्यकर्ताओं को दिखाई ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म, कहा- गोधरा की असल सच्चाई सामने लाने का काम किया



कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : गोधरा कांड पर बनी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ इस समय बॉक्स ऑफिस में कमाई के नए रिकॉर्ड बना रही है। भाजपा शासित कई राज्यों में टैक्स फ्री करने के बाद लोग इसे देखने को उत्सुक हैं। वहीं, पीएम मोदी से लेकर सीएम समेत मंत्री और विधायक भी इस फिल्म का समर्थन कर चुके हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने भाजपा कार्यकर्ताओं को मुरली मेट्रो मे फिल्म दिखाई। साथ ही कहा कि कुछ लोगों ने सालों तक झूठ की चादर ओढ़कर रखी। फिल्म ने गोधरा की असल सच्चाई आम जन तक पहुंचाने का काम किया है। 



कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने कार्यकर्ताओं को दिखाई द साबरमती रिपोर्ट 


दरअसल, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने आज कटघोरा मुरनी मेटरो बुक करवाकर कार्यकर्ताओं को द साबरमती रिपोर्ट फिल्म दिखाई। जिसके बाद उन्होंने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से लोगों ने सच को जाना है। फिल्म ने गोधरा की असल सच्चाई आम जन तक पहुंचाने का काम किया है। कुछ लोगों ने सालों तक झूठ की चादर ओढ़ाकर रखी। कुछ लोगों ने दुष्प्रचार की सारी सीमाएं लांघी है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सच को जानें। 



पीएम मोदी भी कर चुके हैं फिल्म की तारीफ

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद गोधरा कांड पर बनी फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। पीएम ने एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा था, ” बहुत बढ़िया कहा आपने। यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है, और वह भी इस तरह से कि आम लोग इसे देख सकें। एक झूठी कहानी सीमित समय तक ही चल सकती है। आखिरकार, तथ्य हमेशा सामने आते हैं।” 

गोधरा कांड पर बनी है फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’

बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’साल 2002 में हुए गोधरा कांड पर आधारित है। इस दिन, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कोच एस-6 में भीड़ ने आग लगा दी थी। इस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। ज़्यादातर कारसेवक अयोध्या से अहमदाबाद लौट रहे थे। इस घटना के बाद, गुजरात में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए।

इस घटना के बाद, गुजरात सरकार ने जांच के लिए एक कमीशन बनाया था। मामले में, गोधरा पुलिस ने 103 लोगों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी ने जांच की और 31 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। 34 लोगों को दोषी ठहराया गया था, जबकि 67 लोगों को बरी किया गया था।