कोरबा : विश्व हाथी दिवस पर कटघोरा वन मंडल ने किया . गया आयोजन कार्यक्रम में विधायक हुए शामिल ….


कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा वन मंडल में विश्व हाथी दिवस के अवसर कार्यशाला का आयोजन किया गया. क्षेत्रीय विधायक व जनप्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल हुए .जहा हाथियों की रक्षा के लिए सामुदायिक प्रयासों व संरक्षण एवं प्रबंधन हाथियों की निगरानी और जागरूकता के लिए जनप्रतिनिधि भी आगे आएं। लोगों के बीच सामंजस्य बनाने जनप्रतिनिधियों की सबसे अधिक जरूरत है। हाथी कई सौ साल पहले यहां रहते थे। इसी वजह से फिर से हाथी कटघोरा वन मंडल में लंबे समय तक रुक रहे हैं।

विश्व हाथी दिवस हाथियों की रक्षा के लिए सामुदायिक प्रयासों की विस्तृत श्रृंखला की सराहना करने का एक अवसर है। साथ ही, हम हाथियों को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहां वे सुरक्षित रह सकें। हाथी हमारी संस्कृति एवं इतिहास से भी जुड़े रहे हैं और यह खुशी की बात है कि पिछले कुछ वर्षों से उनकी संख्या बढ़ रही है। विश्व हाथी दिवस का लक्ष्य हाथियों के संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना और जंगली तथा पालतू हाथियों के बेहतर संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए जानकारी और सकारात्मक समाधानों को साझा करना है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद पटेल हुए शामिल

कटघोरा विधायक प्रेमचं पटेल ने कटघोरा में आयोजित विश्व हाथी दिवस के अवसर पर कही। इस अवसर पर कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, भाजपा कटघोरा मण्डल अध्यक्ष धन्नू प्रसाद दुबे, कटघोरा नगरपर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल, पत्रकार संघ के अध्यक्ष अजय धनोदिया व कटघोरा वनमण्डल के एसडीओ संजय त्रिपाठी मंचस्थ रहे। कटघोरा वनमण्डल के एसडीओ संजय त्रिपाठी ने कहा कि जिले के जंगल हरे-भरे पेड़ और कई प्रकार के जीव-जंतुओं के अलावा अनेकों प्रकार के पशु-पक्षियों का आशियाना है। जंगली हाथियों बात करें तो जिले के कटघोरा वनमण्डल व कोरबा वनमण्डल ये दोनों वन मंडलों में बीते कई सालों से जंगली हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। इनकी लगातार बढ़ती संख्या ग्रामीणों के लिये समस्या बनी हुई है। हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह दिन हाथियों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा के लिये कई प्रकार के जागरूक कार्यक्रम करके मनाया जाता है। कोरबा जिले में जंगली हाथियों की मौजूदगी साल भर र रहती है। कोरबा एक ऐसा जिला है, जिसमें दो वन मंडल हैं। कटघोरा व कोरबा वन मंडल दोनों एक ही जिले में होनें से यहां जंगली हाथियों का आना-जाना दोनों ही वन मंडल में लगा रहता है। इस अवसर पर चन्दन बघेल, अशोक दुबे, सुखसागर मंनेवार, शशिकांत डिक्सेना, शारदापाल अनुराग दुहलानी, रूपेश जायसवाल जय गर्ग, संतोष रात्रे सहित अन्य उपस्थित रहे।

एसडीओ संजय त्रिपाठी ने कहा कि हाथियों की निगरानी और जागरूकता के लिए जनप्रतिनिधि भी आगे आएं। लोगों के बीच सामंजस्य बनाने जनप्रतिनिधियों की सबसे अधिक जरूरत है। हाथी कई सौ साल पहले यहां रहते थे। इसी वजह से फिर से हाथी यहां लंबे समय तक रुक रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणियों की जरूरत है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी का आभार भी जताया।