कोरबा : खुद को राजनीति के पहुँच बताने वाले गुंडे – शहर में घूम रहे बेख़ौफ़….अब तक कानून के पकड़ से बाहरबेखौफ घूम रहे अपराधी को आखिर क्यों नहीं पकड़ रही है पुलिस…

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : करीब 15 माह पहले की एक वारदात आप सभी को याद होगी। जब आधीरात दो बदमाश राइसजादे मेन रोड स्थित पॉम माल के ओ एन सी (वन नाइट क्लब) में जबरन घुस आए। लात मार कर दरवाजा खुलवाया, फिर गुंडागर्दी करते हुए शराब की बोतलें गटकी। मना करने पर गाली गलौज और गल्ले से 2000 रूपए लूट कर ऐसे चल दिए, जैसे कोई जंग जीती हो। ओएनसी के मैनेजर की रिपोर्ट दर्ज हुई, पुलिस ने एफआईआर भी की पर शहर में बेखौफ घूमते आरोपियों को ढूंढने में एक साल लग गए। हाल ही में एक आरोपी सुदामा कलवानी को गिरफ्तार कर लिया गया पर दूसरे साकेत शिंदे की तलाश शायद जारी है जो आए दिन कोतवाली समेत थाने चौकी के अपने दोस्तों का हाल जानने पहुंचता रहता है। पीड़ित ने पुनः एक शिकायत एसपी के समक्ष पेश करते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है। उसका कहना है कि खुलेआम शहर सीना ताने घूम रहे दूसरे आरोपी से उसे जान का खतरा है, जो कहता फिरता है कि उसकी पहुंच के आगे पुलिस कुछ नहीं, जो उसे पकड़ने की हिमाकत कर सके। वैसे भी साकेत अभी भाजपा के एक नेता के आगे पीछे घूम रहा है।

खुद को बड़ी राजनीतिक पहुंच वाला कहकर लोगों को डराने धमकाने के कारोबार के लिए चर्चित इस दूसरे आरोपी का नाम साकेत शिंदे है, जिसे अब भी पुलिस कार्यवाही का कोई डर नही। एसपी से यह शिकायत दर्री रोड निवासी असलम मेमन ने की है। शिकायत में लिखा है कि पुलिस चौकी सीएसईबी के अपराध कमांक-1298/2022 धारा-457, 392, 384, 294, 506, 34 भादवि के आरोपी साकेत शिंदे निवासी टीपी नगर डीके अस्पताल के सामने कोरबा को पुलिस द्वारा पैसा लेकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। असलम का कहना है कि शहर के वन नाईट क्लब पॉम मॉल में 24 दिसंबर 2022 की दरम्यानी रात एक घटना हुई। इस के संबंध में यह अपराध विभिन्न धाराओ के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया और विवेचना में लिया गया। पुलिस द्वारा जिन धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, वह काफी गंभीर एवं संज्ञेय मामला है, जिस पर तत्काल संज्ञान लिया जाना न्यायोचित एवं नितांत आवश्यक था। बावजूद इसके पुलिस ने देरी की। विवेचना के बाद एक आरोपी को लम्बे समय बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पर इस प्रकरण में दूसरे आरोपी साकेत शिंदे, जो शहर के बीचो बीच स्थित टी.पी. नगर डी. के. अस्पताल के सामने कोरबा के पास निवास करता है, उसे खुला छोड़ दिया गया है। समेत शिंदे प्रतिदिन कोतवाली एवं सीएसईबी चौकी के अंतर्गत भ्रमण करता है। सीएसईबी चौकी के बाजू में टपरी-पान ठेला में प्रतिदिन नजर आता है। आरोपी साकेत शिंदे काफी शातिर तथा अपने आप को पैसे वाला कहते हुए राजनीतिक पहुंच बताता है।पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती, ऐसा कहते हुए शहर में आई दिन घुमते हुए ते हुए नजर आता हैं। इस तरह से पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़ा करता है। ऐसी स्थिति में जनता का पुलिस विभाग पर से अविश्वास करना जायज होगा। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि उसका नाम इस सूचना के रूप में गुप्त रखा जाना उचित होगा। अन्यथा उसकी जान को खतरा होने की आशंका भी व्यक्त की है।शिकायतकर्ता ने एसपी से निवेदन किया है कि, इन तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए आरोपी साकेत शिंदे को शीघ्र ही गिरफ्तार कर कार्यवाही करने की की जाए, ताकी जनता का विश्वास पुलिस पर बना रहे।

तब वसूली के लिए सरपंच सिर पर अड़ाई बंदूक, पुलिस नतमस्तक

शिकायत पत्र में जिक्र है कि पूर्व में साकेत शिंदे ने उरगा में अवैध रेत उत्खनन के मामले में वसूली करने के नियत व अवैध रेत परिवहन करते हुए उरगा के सरपंच के सिर पर बंदूक रखकर जान से मार देने की धमकी भी दी थी। बावजुद पुलिस द्वारा उस प्रकरण में भी आरोपी साकेत शिंदे को गिरफ्तार नही किया गया है। इस प्रकार से साकेत शिंदे के उपर पुलिस की कार्यवाही नही होने से पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान के साथ रकम के लेन देन के संबंध में आरोपी को विशेष सुविधा प्रदान करने जैसा प्रश्न उत्पन्न होता है और इस प्रकार से लॉ-एण्ड-ऑर्डर को मुँह चिढाने जैसी हरकत स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।