कोरबा/कटघोरा 21 फरवरी 2024 : ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा वनमण्डल हमेशा से भृष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहा है । अब नया मामला सामने आया है जिसमे लंबे समय से मजदूरों के लंबित मजदूरी भुगतान का मामला एक बार फिर से गहराते नजर आ रहा है । दरअसल कटघोरा वनमण्डल के अंतर्गत 2018-19 ,2019-20 एवम 2020-21 में कैम्पा मद , नरवा विकास योजना से कई स्टॉप डेम बनाए गए जिसमे सर्वाधिक डेम का निर्माण जटगा वन परिक्षेत्र में हुआ था। तात्कालिक डीएफओ डीडी संत , शमा फारूखी और प्रेमलता यादव ने उक्त निर्माण कार्यों का अपने अपने कार्यकाल में कुछ कुछ भुगतान करा दिया, जिसमे किसी डेम का मजदूरी निकाले तो सामग्री के भुगतान को रोक दिए ,कुछ में सामग्री का निकाले तो मजदूरी रोक दिया गया। तत्कालीन डीएफओ प्रेमलता यादव के कार्यकाल में सर्वाधिक 42 लाख रु का मजदूरी भुगतान बकाया रहा । जिसकी उच्चाधिकारियो के निर्देश पर कई बार जांच हो चुकी और हर बार के जांच में यही लिखा गया कि कार्य संतोषप्रद , भुगतान योग्य ,परंतु इसके बावजूद भी वर्तमान डीएफओ 5 माह में 5 रू का भी पिछला भुगतान नही कर पाए है। जिससे मजदूरों में असंतोष तथा आक्रोश व्याप्त है।
वर्तमान डीएफओ की कार्यशैली नौ दिन चले ढाई कोस के खिलाफ मौजूदा सरकार के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य लीलारपुरी गोस्वामी के नेतृत्व में सैकड़ों मजदूरों के साथ वनमण्डल कटघोरा के अंतर्गत चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों को कार्यस्थल पर जा जा कर काम रोका जाएगा जिसकी सूचना प्रशासन को दे दी गई है।
लीलारपुरी गोस्वामी ने बताया कि डीएफओ निशांत पुराने लंबित भुगतान के मामले में सुस्त हैं लेकिन अपने समय के निर्माण कार्यों में बड़े चुस्त नजर आ रहे हैं तभी तो पी डी मद से पाली रेंज में कई तालाब मशीन से खोदकर महज 15 दिनों में बना दिए , ना मजदूर लगे ना रोलर का उपयोग किया गया और ना ही पानी टैंकर लगाया गया फिर भी करोड़ों का प्रमाणक पास हो गया। ऐसे तालाब के मेढ जिस पर रोलर नही चलाया गया है जबकि SOR के नामकरण में प्रत्येक एक फिट के परत में कम से कम आधा टन वजन का रोलर चलाने का नियम दिया गया है, तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि बिना रोलर चले मिट्टी का बांध बरसात की पहली बारिश में ही धाराशायी हो जाता है।
लीलारपुरी गोस्वामी ने प्रशासन से मांग रखी है कि या तो 2 साल से लंबित 200 मजदूरों का तत्काल भुगतान हो या फिर ऐसे अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही हो जिसने इन मजदूरों से कार्य कराया है और मजदूरी का प्रमाणक बना कर सत्यापित कर भुगतान के लिए वनमण्डल कार्यालय में प्रस्तुत किया है। वनमण्डल दोनो में से कोई भी कार्य 2 साल से नही कर रहा है जो इनकी मनमानी और हिटलरशाही का परिचय देता है। जनहित एवं मजदूरहित की इन्ही मांगो को लेकर 28 फरवरी को वनमण्डल में एक बार फिर से बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया जायेगा।