कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- कोरबा जिले में प्रतिदिन औसतन 50 हजार क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हो रही है। शुरुआत में धान खरीदी की धीमी रफ्तार के कारण, केंद्रों की बफर लिमिट को भी बढ़ाया गया है, अब अचानक लिमिट बढ़ाए जाने से समितियां व्यवस्था नही बना पा रही है। राइस मिलरों की ओर से डीओ काटे जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं करने की वजह से समितियों में जाम के हालात पैदा हो चुके हैं। अभी मौसम भी खराब होने से समिति प्रबंधक के लिए परेशानी बढ़ सकती है।
कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के 9 उपार्जन केंद्र चैतमा, लाफा, पाली, निरधी, पोटापानी, बकसाहि, सपलवा, पोंडी, पाली इन सभी केंद्रों में धान खरीदी बंद होने की नौबत आ गई है। कुछ उपार्जन केंद्रों में पांव रखने की जगह नहीं है। कुछ समितियों में क्षमता से अधिक धान का स्टॉक जाम होने से धान रखने की जगह नही है। उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से भी अधिक धान जाम हैं। पाली ब्लॉक में 9 केंद्रों में अधिकांश केंद्रों में बफर स्टाक पार कर गया है। वहां धान रखने के लिए जगह नहीं है जिससे प्रबंधकों को अब किंसानों का धान खरीदी करने में परेशानी होने की स्थिति बन गई है।
चैतमा के प्रबंधक पवन दुबे ने बताया कि 15 दिसम्बर के बाद धान खरीदी में तेजी आई है इसके पहले धान खरीदी कमजोर थी जिसके कारण यहां की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। समिति के क्षमता से अधिक धान होने से 10 हज़ार क्विंटल धान स्टॉक में रखा हुआ है जिसकी वजह से केंद्र में पैर रखने की जगह नही है। शासन द्वारा खरीदी की लिमिट बढाने से यह स्थिति उतपन्न हुई है। धान का उठाव भी सही समय पर नही हो पा रहा है। वहीं लाफा के प्रबंधक अरुण कश्यप का कहना है कि इस केंद्र की क्षमता 6 हज़ार है लेकिन समिति में अभी 8 हज़ार से अधिक धान जाम है। किंसानों को टोकन दिया जा रहा है लेकिन आवक के हिसाब से धान का उठाव नहीं हो है। मिलर्स भी डीओ कटने के बाद अभी धान का उठाव नही कर पा रहे हैं अभी मिलर्स भी अन्य जिलों का धान उठा रहे हैं। केंद्र में धान रखने की जगह नही है। बेमौसम बारिश होने से धान जमीन में रखे होने से नुकसान हो सकता है।
मिलर्स जिले का धान उठाने में नही दिखा रहे रुचि, अन्य जिलों के डीओ पर ज्यादा ध्यान.
कोरबा जिले में लगभग सभी ब्लॉक के समितियों में धान की बफर लिमिट पार हो चुकी है और धान खरीदी में अभी 21 दिन शेष बचे हैं, लेकिन राइस मिलर्स द्वारा डीओ कटने के बाद भी जिले का धान उठाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। निरधी के धान उपार्जन केंद्र के प्रबंधक नरेंद्र कश्यप ने बताया कि राइस मिलर्स जिले का धान उठाने में रुचि नही दिखा रहे है।अचानक लिमिट बढ़ाए जाने से समितियां वैसे ही हैरान थीं। राइस मिलरों द्वारा डीओ काटे जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं करने के कारण समितियों में जाम के हालात निर्मित हो रहे। धान खरीदी के 72 घंटों के भीतर केंद्रों से उठाव के मार्कफेड के दावों की इस साल भी हवा निकल गई है। मार्कफेड की लचर परिवहन व्यवस्था के कारण 9 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से 2 से 3 गुना अधिक धान जाम हैं। ऊपर से डीओ कटने के बाद भी राइस मिलरों के वाहन नहीं आने से केंद्रों में पांव रखने की जगह नहीं है। मार्कफेड की डीएमओ यह स्वीकारने कतई तैयार नहीं कि एक भी समिति में बफर लिमिट से अधिक धान जाम हैं।