कोरबा 02 जनवरी 2024 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) हिमांशु डिक्सेना: सरकार के लाख प्रयास के बावजूद बाल मजदूरी जिले में समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है हद तो यह है कि श्रम विभाग भी खुलेआम हो रही बाल मजदूरी पर चुप्पी साधे हुए है। शिक्षा के अधिकार जैसे कानून भी ऐसे बच्चों को बाल मजदूरी के जाल से बाहर नहीं निकाल पा रहा है। तस्वीर कटघोरा वन मंडल के कसनिया क्षेत्र के काष्टागार का है वन विभाग द्वारा काष्टागार प्रांगण में सी सी रोड़ का निर्माण किया जा रहा है, जहां बुधवार को संवेदक की उपस्थित में बालश्रम करवाया जा रहा था। कार्यस्थल पर कार्य से संबंधित सुचना पट्ट भी नहीं लगा था । यह कार्य कटघोरा वन मण्डल के SDO के इशारे पर चल रहा है।
सड़क निर्माण में काम कर रहे बाल मजदूर
सरकार के लाख प्रयास के बावजूद बाल मजदूरी जिले में समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। वनमंडल सड़क योजना के तहत कसनिया क्षेत्र के काष्टागार में करोड़ों की लागत से बन रही सड़क में नाबालिग बच्चियों से काम करवाया जा रहा है। शर्मनाक बात यह है कि हल्का फुल्का नहीं, बल्कि भारी भरकम काम उनसे लिया जा रहा है। विभाग के अधिकारी मिलकर कम मजदूरी देने के लालच में और अपनी जेब भरने के चक्कर में इन नाबालिग लड़कियों से काम करवा रहे हैं। जब सड़क बना रहे बच्चो से उनकी उम्र जानना चाहा तो मौके पर खड़े अधिकारी के ठेकेदार के मातहत कर्मचारियों ने उन्हें मौके से भगा दिया। एक बच्ची के पिता से जब संवाददाता ने सड़क पर काम कर रही बच्ची की उम्र के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी बच्ची की उम्र 12-13 साल है। जैसे ही वह आगे कुछ और बताने लगा तभी कार्यस्थल पर मौजूद मुंशी ने उसे भी चुप करा दिया। मुंशी ने बताया कि बच्ची अपने मन से कार्य करने आती है।
इस तरह से कटघोरा वनमण्डल में ठेकेदारी प्रथा देखा जाए तो पूर्णतः हावी है। और ठेकेदारों की मनमानी पर वनमण्डल अधिकारी द्वारा चुप्पी साधी जाती है। नाबालिग बच्ची से काम लेना यहां पर कुल मिलाकर केंद्र सरकार की योजना बेटी बचाव, बेटी पढ़ाव को शर्मशार कर रही है। अब सबसे बड़ी बात की छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बन चुकी है और केंद्र सरकार की योजना का इस तरह से मज़ाक उड़ाना क्या सही है और ऐसे ठेकेदार, वन अधिकारी व कर्मचारियों पर क्या सरकार क्या कार्यवाही सुनिश्चित करती है यह आगामी समय पर निर्धारित है….