कोरबा : प्रदेश के इकलौते भारत माता मंदिर के अस्तित्व पर लगा ग्रहण.. बना शराबियों का अड्डा.. तीन साल से रूका भारत माता मंदिर का काम.

कोरबा/कटघोरा 11 सितंबर 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) कटघोरा नगर स्थित भारत माता मंदिर को नया स्वरूप देने को लेकर लिया गया संकल्प फिलहाल साकार नहीं हो सका है। अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती ने इसकी चिंता करने के साथ नवनिर्माण प्रारंभ कराया था। कतिपय कारणों से निर्माण ठहरा हुआ है। आसपास के परिसर में रात्रि को अराजक तत्वों की उपस्थिति के साथ शराबखोरी होने की खबर है। मंदिर परिसर में सहज ही बेतरतीब शराब की बोतल पड़ी दिख जाएंगे।

प्रशासनिक जिले कोरबा के अंतर्गत आने वाले कटघोरा कस्बे में जो भारत माता मंदिर स्थित है उसे छत्तीसगढ़ का प्रथम और देश का द्वितीय मंदिर बताया जाता है। मंदिर के भीतर प्रतिमा जैसा कुछ नहीं है लेकिन यहां अखंड भारत का मानचित्र उपलब्ध है। इसे वर्षों पहले उकेरा गया था। जिसकी पूजा अर्चना राष्ट्रीय पर्वों के अलावा अन्य मौकों पर लोग किया करते हैं। इसी नाते इस मंदिर को पहचान मिली। बीते वर्षों में देशभक्ति गीतों की प्रतियोगिता के अलावा राष्ट्रीय सरोकार से जुड़े हुए कई कार्यक्रम इस क्षेत्र में किये गए। इसके माध्यम से बहुसंख्यक लोगों को मालूम चला कि कटघोरा में भी कोई खास जगह है जिसका अपना विशेष महत्व है। जानकार बताते हैं कि ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान जागरूक लोगों ने पूर्ववर्ती भारत माता मंदिर की दशा और इसके स्वरूप को लेकर चिंता जताने के साथ इसे बेहतर करने का विचार दिया।

संस्कार भारती को दायित्व दिया गया कि वह काम को हाथ में लेने के साथ आगे बढ़ाए। शुरूआती दौर में लोगों की ओर से जो दावे किये गए थे उसमें हर स्तर पर सहयोग करने की संकल्पना शामिल थी। आंशिक रूप से धन संग्रह करने के साथ निर्माण कार्य को प्रारंभ किया गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद अपेक्षित संसाधन की पूर्ति नहीं हो सकी और ऐसे में काम को बंद करना पड़ा। लगभग तीन वर्ष का समय हो चुका है जबकि मंदिर को आगे बढ़ाने की रफ्तार रूकी हुई है। अब तक अनेक जनप्रतिनिधियों की जानकारी में इस बात को लाया जा चुका है। उन्हें मालूम है कि यह विषय राष्ट्रीय गौरव से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है इसके बावजूद उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। नतीजा यह है कि आधे अधूरे परिसर में सुरक्षा प्रबंध न होने का भरपूर लाभ रात्रिकाल में अराजक तत्व ले रहे हैं। उनके द्वारा तमाम तरह से अवांछित गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है जिसके नमूने यहां पर मौजूद हैं। इसे देखकर प्रबुद्ध वर्ग नाराज है।

अब तक एक भी घोषणा नहीं

विभिन्न कार्यक्रमों के अवसर पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा अलग-अलग तरह के विकास कार्यों के लिए भारी भरकम राशि उपलब्ध कराई गई है और घोषणाओं का दौर चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले तक जारी रहने की संभावना है। पांच साल का लंबा समय गुजरने के बाद भी कटघोरा में भारत माता मंदिर की पूर्णता को लेकर किसी प्रकार की घोषणा या सहयोग न करना जनप्रतिनिधियों के दोहरेपन को दर्शाता है।