कोरबा : कुछ महीने भी नहीं टिक पाई सवा तीन करोड़ में बनी PWD की सड़क, आनंदी बिल्डर ने गुणवत्ता को ताक में रखकर बनाई थी सड़क.. खुली पोल.

कोरबा/कटघोरा 23 अगस्त 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा निर्माण विभाग सड़कें बनानें के दौरान गुणवत्ता को ताक पर रखे हुए है। जिसका ताजा उदाहरण कसनिया जे लखनपुर तक बनी रोड पर देखने को मिला है. दरअसल लगभग दो किलोमीटर हिस्से का निर्माण हुए अभी सिर्फ बमुश्किल 5 माह ही हुए हैं, लेकिन सड़क बनते ही उस पर दरारें और किनारा उखड़ना शुरू हो गया हैं। जिससे आवागमन के दौरान आने वाले समय मे वाहन सवारों को डर सताने लगा है।. तो वहीं, पीडब्ल्यूडी को इस विषय पर जानकारी देने पर यहां के इंजीनियर फिर से रिपेयरिंग करवाने की बात कहते हैं।

दरअसल लगभग सवा तीन करोड़ की लागत से हाल ही में लोक निर्माण विभाग कटघोरा द्वारा कसनिया से लखनपुर तक लगभग 2 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया गया है। इस कार्य को आनंदी बिल्डर्स के द्वारा किया गया, लेकिन इस सड़क को बने मुश्किल से 5 महीने ही हुए होंगे और अब इस सड़क के किनारे उखड़ने लगे हैं। इसकी वजह से सड़क पर दरारे पड़ने लगी है। निश्चित ही इन दरारों की वजह से बारिश में सड़क को उखड़ने में समय नही लगेगा। और यह नवनिर्मित सड़क जल्द ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा। लोक निर्माण विभाग को इन सबसे सरोकार नही है।

आनंदी बिल्डर्स ने गुणवत्ता पर नही दिया ध्यान

लोक निर्माण विभाग कटघोरा के द्वारा कसनिया से लखनपुर की सड़क बनाने का काम आनंदी बिल्डर्स को सौपा था लेकिन आनंदी बिल्डर्स ने सड़क का काम तो बहुत कम समय पर पूरा कर दिया लेकिन उन्होंने सड़क बनाने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर लापरवाही बरती, जिसका नतीजा यह हुआ कि सड़क पर 5 महीने में ही दरारें पड़ने लगी। 3.25 करोड़ की लागत से बनी सड़क अब कितने महीने या कितने वर्ष टिकेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

PWD इंजीनियर ने कहा रिपेयर करा देंगे

लोक निर्माण विभाग कटघोरा में पदस्थ सब इंजीनियर राकेश वर्मा से जब इस सड़क के विषय मे जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सड़क की चौड़ाई को लेकर जगह की कमी का होना बताया गया साथ उन्होंने कहा कि जनकारी मिली है तो उखड़ रही सड़क की रिपेयरिंग करा देंगे। लेकिन सवाल यहाँ यह है कि नई सड़क बनने के बाद उसमें खामी आने के बाद रिपेयर कराने की बात कहना पूरी तरह से यहां इस कार्य मे भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। जोकि इतनी बड़ी लागत से बनी सड़क कुछ ही माह में उखड़ने लगी और दरारें पड़ने लगी।