कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) हिमांशु डिक्सेना (पाली):- कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु शासन, प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर जारी संघर्ष में उद्योगपति, फिल्म एक्टर, जनप्रतिनिधि से लेकर आमजन अपनी-अपनी तरह से अपना योगदान दे रहे हैं।लेकिन इस लड़ाई में शामिल एक वर्ग ऐसा भी है जो सावधानी और रोकथाम के तरीकों पर शासन-प्रशासन की मदद करने में जुटा हुआ है।
कटघोरा वनमंडल के पाली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत बतरा सर्किल के अधीन वन प्रबंधन समिति कोडार, कर्रानावापारा, नवाडीह, कन्हैयापारा में शामिल 40 महिला सदस्यों द्वारा मिलकर इन दिनों मास्क तैयार करते हुए कोरोना को हराने वाली लड़ाई में महत्वपूर्ण सिपाही बनकर देशहित में अपने कर्तव्यों का निर्वह कर रही है।उक्त 4 समिति की इन कोरोना वारियर्स द्वारा अब तक लगभग 1500 मास्क स्थानीय स्तर पर बनाकर उसकी आपूर्ति वन मंडल को की जा चुकी है।समिति की इन महिलाओं को रोजगार तो मिला ही है परंतु कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किये जा रहे इस काम से उन्हें आत्म संतुष्टि भी ज्यादा हुई है।इस संबंध पर वनपरिक्षेत्राधिकारी प्रहलाद यादव ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान बाजार में मास्क की अचानक मांग बढ़ गई और इसकी कमी पड़ जाने के कारण दाम भी बढ़ गए थे।स्थानीय स्तर पर कोरोना का संक्रमण रोकने और गांवों तक इसे न फैलने देने तथा लोगों को किफायती दामों पर मास्क उपलब्ध कराने के लिए वनमंडलाधिकारी शमा फारूकी के मार्गदर्शन में वन प्रबंधन समिति की 40 महिला सदस्यों जिन्हें परिस्थितिकीय तंत्र सेवाओं में सुधार योजना के तहत सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया था उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।श्री यादव ने आगे बताया कि सूती कपड़ा, धागा और सिलाई को जोड़कर एक मास्क तैयार करने में 17 से 18 रूपए लागत आ रहा है जिसे उसी दर पर ही बेचा जा रहा है।फिलहाल विभागीय अधिकारीयों-कर्मचारियों द्वारा इसी मास्क को उपयोग में लाया जा रहा है तथा मांग अनुरूप अन्य स्थानों पर भी आपूर्ति की जाएगी।