कोरबा : कटघोरा वन मण्डल में जैव विविधता की बढ़ती संख्या एक सकारात्मक संकेत.. डीएफओ ने वनों में जैव विविधता को लेकर कही ये बात.

कोरबा/कटघोरा 20 दिसंबर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा वन मंडल बीहड़ जंगल क्षेत्र होने से यहां के जंगलों में अनेक जीव जंतुओं का बसेरा है। पर कुछ ऐसे जीव जंतु जिनका नाम कटघोरा के बीहड़ जंगलों में सुना जरूर गया है, लेकिन अब तक किसी को प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं दिया है। कटघोरा वन मंडल द्वारा लगाए गए ट्रेक कैमरे में कुछ दिन पहले जहां टाइगर की तस्वीर कैद की गई थी तो वही 4 दिन पूर्व यहां के जंगलों में तेंदुआ दिखाई देने से लोगों में दहशत का माहौल है।

कटघोरा वन मण्डल के लाफा में टाइगर ( बाघ ) व तुमान के जंगल में तेंदुआ देखे जाने की खबर सामने आई है। यहां का जंगल हर तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है आसपास के क्षेत्रों में वन्य प्राणियों का विचरण होता रहता है जहां अक्सर वन्यजीव विचरण करते हुए सड़क पर आ जाते हैं। खास करके हाथियों के झुंड ने राहगीरों के साथ ग्रामीणों का जीना मुहाल कर रखा है। हाल ही में पाली रेंज के लाफा में सड़क दुर्घटना में एक भालू की मौत भी हो गई थी और इसके पहले केंदई रेंज अंतर्गत सिरमिना सर्किल में दो भालुओं ने एक ग्रामीण के घर का आसरा ले लिया था जहां वन विभाग की टीम ने उन्हें सुरक्षित पिंजरे में रखकर तारा के जंगलों में छोड़ दिया था।

कटघोरा वनमण्डल डीएफओ प्रेमलता यादव ने कटघोरा वन मण्डल में जैव विविधता को लेकर कहा कि यहां के जंगल वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त शाबित हो रहे है। जिससे यहां के जंगलों में पिछले 8 वर्षों से यहां के जंगलों में हांथीयों ने अपना रहवास बना लिया है। और यहां के जंगलों में देखा जाय तो जैव विविधता को लेकर जो परिणाम सामने आ रहे हैं जिसमें हाल ही में लाफा चैतुरगढ़ में लगाये गए ट्रेक कैमरे में एक हष्टपुष्ट बाघ की तस्वीर कैद हुई है, जोकि यहां के जंगलों में विचरण कर रहा है साथ ही तेंदुआ, जंगली हिरण, भालू, लकड़बग्घा, लोमड़ी, जंगली सुअर और अन्य प्रकार के जीव जंतुओं की विविधता पाए जाने से यहां के ग्रामीणों को सुरक्षा को लेकर लगातार वन विभाग द्वारा उन्हें जागरूक किया जा रहा है। और यहां के जंगल जीव जंतुओं के रहवास के लिए उपयुक्त साबित हो रहे है।