कोरबा/कटघोरा 19 दिसंबर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : पास्ता और नूडल्स सेहत के लिए सही नहीं माने जाते, लेकिन यदि ये मिलेट से बने हों तो आप जरूर स्वाद लेना चाहेंगे। हाल ही में हुए दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में लगाए गए छत्तीसगढ़ पवेलियन में स्वास्थ्य के लिए जागरूक आगंतुकों को खासा आकर्षित कर रहा है। यहाँ स्वाद और सेहत से भरपूर उत्पाद मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के लघु वनोपज व कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन का सार्थक प्रयास अब बाज़ार में भी नजर आने लगा है।
कटघोरा वनमण्डल द्वारा आज छुरी स्थित माहुल पत्ता प्रशंसकरण केंद्र में प्रेरणा स्व सहायता समूह की महिलाओं को कोदो, कुटकी एवं मिलेट से विभिन्न प्रकार व्यंजन बनाने वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया। इस दौरान उत्तराखंड से आई प्रशिक्षक ने मिलेट से बनने वाले व्यंजनों को महिलाओं के समक्ष बनाकर प्रशिक्षित किया। महिलाओं को स्वावलंबन की ओर छत्तीसगढ़ सरकार लगातार अनेक योजनाओ से जोड़कर कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। जिसे लेकर वन विभाग द्वारा मिलेट से बनने वाले व्यंजनों को बना कर मार्केट में इसे बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है।
बतादें की देश-विदेश में कोदो-कुटकी, रागी जैसे मिलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट मिशन के माध्यम से वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ को देश में मिलेट हब के रूप में पहचान बनाने का लक्ष्य रखा है। कटघोरा वनमण्डल द्वारा महिला समूह को वनोपज से तैयार व्यंजनों को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। आज के इस प्रशिक्षण शिविर में वनमण्डल विभाग बिलासपुर सीसीएफ राजेश चंदेले, कटघोरा डीएफओ प्रेमलता यादव, एतमा नगर व जड़गा रेंजर मनीष सिंह, केंदई रेंजर अभिषेक दुबे, पाली रेंजर के एन जोगी, पसान रेंजर धर्मेंद्र चौहान, कटघोरा रेंजर अशोक मन्नेवार तथा वन मण्डल के कर्मचारी व स्व सहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।