कटघोरा : राँची से शिर्डी तक कि 1850 किमी की साँई भक्तो की पदयात्रा पहुंची नगर.. साँई भक्तो ने किया स्वागत.. साँई आस्था पर लोगों का विश्वास जगाना ही प्रमुख उद्देश्य.

कोरबा/कटघोरा 22 नवम्बर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : रांची से 6 साईं भक्त 1850 किमी की पदयात्रा कर महाराष्ट्र के अहमद नगर में स्थित शिरडी साईं मंदिर के लिए निकले हैं। उनकी यह पदयात्रा कटघोरा नगर पहुंची। जहां साँई भक्तों ने उनका स्वागत किया। पदयात्रियों का जत्था कटघोरा नगर के साँई मन्दिर परिसर में रुककर रात्रि विश्राम किया। इसके पश्चात आज सुबह पुनः ये पदयात्री दल शिर्डी की आगे की यात्रा के लिए निकल पड़े। बतादें की वे अपने साथ बाबा की पालकी, बाबा की चरण पादुका लेकर निकले हैं यह पदयात्री छह नवंबर को झारखंड के रांची से शिरडी के लिए रवाना हुए हैं। इन पदयात्रियों में ओम श्री साई सेवा मंडल के मनीष अग्रवाल, बैजनाथ अग्रवाल, जयकिशन अग्रवाल, रोशन अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, आलोक पांडेय और विकास सिंह शामिल । सभी 15 किलो वजन की लकड़ी की पालकी के साथ हर दिन 30 से 40 किमी की यात्रा तय कर रहे हैं। इनके साथ साई रथ भी संग संग चल रहा है। यात्रा के दौरान हर दिन बाबा को भोग, आरती, कीर्तन के बाद संध्या आरती और फिर विश्राम भी कराया जा रहा है। संगठन मनीष अग्रवाल ने बताया कि यात्रा के दौरान सभी सात्विक भोजन ग्रहण कर रहे हैं। जगह जगह साँई भक्तों द्वारा रात्रि विश्राम व भोजन के8 व्यवस्था की जाती है।

साँई की आस्था को लेकर लोगों में जागरूकता लाना प्रमुख उद्देश्य

शिरडी वाले साईं बाबा को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के हिंदू एवं मुस्लिम आस्था से पूजते हैं। साईं बाबा लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। आज के समय में लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या में संपूर्ण भारत और विदेशों में भी साईं बाबा के भक्त हैं। साईं बाबा के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा देखकर हम इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों के मन में साईं बाबा के प्रति किस तरह का आदर रहता है। बता दें कि साईं बाबा की चर्चा हमेशा अद्भुत चमत्कार और रहस्य के लिए की जाती है। समय-समय पर भक्तों द्वारा साईं बाबा के प्रमुख मंदिर पर बेशकीमती उपहार चढ़ाए जाते हैं। साईं बाबा कहते हैं कि “सबका मालिक एक है।” आपने साईं बाबा पर बना हुआ टेलीविजन धारावाहिक तो देखा ही होगा। उसमें किस तरह से लोगों के प्रति साईं बाबा आभार व्यक्त करते हैं और समाज से ग्रसित लोगों को चमत्कार से उत्थान की ओर अग्रसर करते हैं। मनीष अग्रवाल ने बताया कि साँई भक्ति की आस्था जगाना उनकी इस 1850 किलोमीटर की पदयात्रा का मूल उद्देश्य है।