कोरबा/कटघोरा 8 सितंबर 2022 ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : बाइपास बन जाने के बाद भी शहर के भीतर बेखौफ घुस रहे ट्रकों से लोग हो रहे परेशान। कटघोरा शहर के भीतर का मुख्य मार्ग और गौरव पथ की सड़क पर दिन और रात में सबसे अधिक भारी वाहन फर्राटे भरते सहज ही नज़र आ जाएंगे। शहर के भीतर भारी वाहनों के आने-जाने से खतरा और बढ़ गया है। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सालभर में छोटी-बड़ी दुर्घटनाों में कई लोग घायल हुए और कितनों की मौत हो चुकी है उसके बाद भी पुलिस भारी वाहनों को शहर के अंदर आने से नहीं रोक पा रही।
शहर में यातायात का दबाव कम करने के लिए सुतर्रा से ढेलवाडीह होते हुए कटघोरा बाइपास का निर्माण किया गया है ताकि भारी वाहन शहर के अंदर के बजाय बाहर ही बाहर बाइपास से जा सकें। ज्यादातर भारी वाहन शार्टकट के चक्कर में शहर के भीतरी भाग से ही आते-जाते देखे जा सकते हैं। साल भर में शहर के अंदर कई लोगों की मौत सड़क दुर्घटना से हुई है । इसके बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करती। भारी वाहनों को देखने के बाद भी पुलिस विभाग के कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। इसलिए चालक बेखौफ होकर वाहन दौड़ाते हैं।
कोई कार्रवाई नहीं होती
ट्रैफिक पुलिस हो या यातायात परिवहन विभाग को कई बार देखा गया है कि शहर के बाहर चालान काटते रहती है। विभाग का ध्यान शहर के भीतरी भाग में क्या हो रहा है, इस पर नहीं रहता। शहर के भीतर से गुजरने वाले भारी वाहनों को रोकने वाला कोई नहीं। शहर के अंदर से तेज रफ्तार से भारी वाहन गुजरते हैं तो ऐसा लगता कि कहीं बड़ी अनहोनी न हो जाए। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती, इसलिए अब तो कटघोरा नगर के लोगों को आदत सी हो गई है।
थानों के सामने गुजर रहे ओवरलोड वाहन
जिले के रेत माफिया में पुलिस का भय पूरी तरह से निकल चुका है। स्थिति यह है कि रेत से भरे ओवरलोड वाहन खुलेआम कटघोरा थाने के सामने से गुजरते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन कभी उन्हें टोकता तक नहीं है। वहीं परिवहन विभाग ने रेत से ओवरलोड वाहनों की ओर देखना ही बंद कर दिया है। जबकि खनिज महकमा बल की कमी बताकर शांत रहता है। चोटिया कोयला परिवहन शुरू होने के बाद रात 12 बजे के बाद ट्रेलर शॉर्टकट के चक्कर में कटघोरा शहर के भीतर से बेधड़क निकलते हैं।
नियमों की अनदेखी कर फर्राटा भरते बड़े वाहन
शहर के भीतर से निकलते ही नियमों की अनदेखी करके गाड़ियां फर्राटा भर रही हैं। इस कारण यह क्षेत्र दुर्घटनाओं के स्पॉट के रूप में पहचाना जाने लगा है। यहां औसतन एक सप्ताह में कोई ने कोई वाहन दुर्घटना होना आम बात होती जा रही है। तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले चालकों में कई ऐसे भी हैं, जिन्हें न तो ट्रैफिक नियमों की जानकारी है और न ही उन्होंने किसी तरह की परीक्षा पास की है। जिले में कई वाहन चालक ऐसे हैं, जिन्हें ट्रैफिक से जुड़े नियमों की जानकारी नहीं है। कइयों के तो लाइसेंस तक नहीं बने हैं। वाहनों की फिटनेस भी समय से नहीं कराई जाती है। जल्द से जल्द लाइसेंस पाने की चाहत में युवक लाइसेंस बनवाने के लिए जरूरी प्रक्रिया और टेस्ट परीक्षाओं के बिना ही जुगाड़ के माध्यम से वाहन चलाने का अधिकार प्राप्त कर ले रहे हैं। हालांकि, परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस देने के लिए पहले टेस्ट पास करना होता है, तब जाकर लर्निंग की प्रक्रिया पूरी होती है। उसके एक माह बाद स्थायी लाइसेंस पाने के लिए वाहन चलाने का टेस्ट देना पड़ता है।
शहर में ट्रैफिक पुलिस की चल रही लम्बे समय से मांग
कटघोरा शहर में भारी वाहनों की आवाजाही से ट्रैफिक पुलिस की नगर के लोगों द्वारा काफी समय से मांग की जा रही है। जिला कलेक्टर द्वारा बीच में शहर में नो एंट्री लगया गया था लेकिन इसके बावजूद भी भारी वाहन शहर के भीतर से गुजरते रहतें हैं जिसकी वजह से कई बार बड़ी दुर्घटनाये भी हो चुकी हैं। पुलिस प्रशासन से मिली जानकारी से उन्होंने भी शहर में भारी वाहनों के दबाव को लेकर जिला प्रशास को यातायात पुलिस बल की मांग की है लेकिन अभी तक इस पर किसी प्रकार का जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लिया गया है।