कोरबा/कटघोरा 7 सितंबर 2022 ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा के निकटवर्ती ग्राम धवईपुर में बीते 12 दिन से बिजली व्यवस्था चौपट है। ट्रांसफॉर्मर खराब होने से ग्रामीणों को बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली समस्या को लेकर ग्रामीणों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को भी अवगत कराया है। साथ ही ग्रामीण जन बिजली कार्यालय भी गए, इसके बाद भी न सुधार कार्य हो पा रहा है और न ही ट्रांसफॉर्मर काे बदला जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
दरअसल बारिश होने के बाद भी भीषण गर्मी और उमस का दौर चल रहा है। साथ ही मवेशियों सहित लोगों को पानी के पानी की व्यवस्था भी बिजली पर निर्भर रहती है। वहीं भारी उमस में लोगों के कूलर-पंखे भी बंद पड़े हैं और ऐसे में गांव में लगा ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाने से लोगों के घरों तक बिजली नहीं पहुंच रही है। जिसके चलते ग्रामीण इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में भी उमस दिनों दिन बढ़ रहा है।
बिजली की समस्या से लगातार अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं। पूर्व में आवेदन भी दिया है,लेकिन ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला गया। न ही गांव में बिजली की व्यवस्था की जा रही है। जिससे रात होते ही ग्रामीण क्षेत्र में अंधेरा छा जाता है। इसके बावजूद विद्युत कंपनी के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीणों की बिजली संबंधी मांग पूरी नहीं हो रही है।
गाँव के जनप्रतिनिधि भी बने निष्क्रिय
ग्रामीणों से मिली जानकारी से ग्राम पंचायत धवईपुर की सरपंच शारदा देवी कोराम व जनपद सदस्य राम प्रसाद कोराम को इस विषय में जानकारी होने के बावजूद अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने बताया की चुनाव से पूर्व जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़े बड़े वादें किये तो जाते है लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी प्रकार का गाँव के प्रति ध्यान नही दिया जाता है। गाँव में बिजली व्यवस्था ठीक न होने से कोई काम नहीं हो पा रहे हैं। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं कराया गया तो कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर से मांग करेंगे। जरूरत पड़ी तो अधिकारियों के सामने विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।
12 दिन से धवईपुर गांव अंधेरे में, गर्मी से हलाकान
उल्लेखनीय है कि इस गर्मी के मौसम में पपावनी गांव में बीते 15 दिन से बिजली नहीं है। पूरा गांव रात के समय अंधेरे में रहता है। ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद से गांव में एक भी जगह बल्ब नहीं जल पा रहे हैं। अंधेरा होने के पहले लोगों को अपने काम निपटाने पड़ते हैं। रात को लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। जिसके प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। ऐसे में गांव के लोग दिनभर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को कोसते रहते हैं।