कटघोरा : कलिकाल में सत्य बोलना ही सबसे बड़ा तप है, सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं.. कथा व्यक्ति को सत्य का अनुगामी बनाता है – मृदुल कृष्णकांत शास्त्री.

कोरबा/कटघोरा 29 अगस्त 2022( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): धनौदिया परिवार कटघोरा के द्वारा आयोजित पितृ मोक्ष गया श्राद्ध के अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ रविवार को भव्य कलश शोभायात्रा के साथ किया गया। अग्रसेन भवन कटघोरा में 28 अगस्त से 3 सितंबर तक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया गया है।धनौदिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा को वृंदावन धाम से पधारे भगवत आचार्य मृदुल कृष्णकांत शास्त्री अपने मुखारविंद से उपस्थित भक्तों को कथा का रसपान करा रहे हैं। कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथावाचक आचार्य मृदुल कृष्ण कांत शास्त्री ने उपस्थित भक्त श्रोताओं को दूसरे दिन की कथा सुनाई।

अग्रसेन भवन में चल रहे श्रीमदभागवत कथा महोत्सव के दूसरे दिन सोमबार को आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मन वाणी और कर्म के द्वारा हमेशा सत्य का आश्रय लेने वाला व्यक्ति प्रभु का सच्चा भक्त होता है। ऐसा भक्त सुख और दुख दोनों ही स्थिति मे परमात्मा को एक क्षण के लिए भी नहीं भूलता। वेद व्यास जी ने किसी भी संप्रदाय जात-पात का भेदभाव न रखकर हर मानव के लिए भागवत महापुराण का निर्माण किया है। व्यक्ति को अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है तो भगवान की शरण में जाना होगा क्योंकि संसार की संपूर्ण समस्या का निदान यदि कहीं है तो वह केवल भागवत में है। जीव को अगर मोक्ष पाना है तो कथा श्रवण सर्वोपरि साधन है।

मृदुल शास्त्री ने कहा कि कलिकाल में सत्य बोलना ही सबसे बड़ा तप है। सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं। कथा व्यक्ति को सत्य का अनुगामी बनाती है। क्योंकि श्रीमदभागवत का प्रारंभ वेद व्यास जी ने किया है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत के मध्य में भी प्रभु श्री कृष्ण के प्राकट्य के समय देवताओं ने प्रभु श्रीकृष्ण की वंदना गर्भ स्तुति के रूप में की है। स्वामी जी ने बताया की भागवत के मुख्य तीन वक्ता और तीन श्रोता हैं। इनमें प्रथम -नारद -व्यास जो परोपकार प्रधान हैं, दूसरे सूत -शौनक यज्ञ प्रधान, तीसरे सुकदेव -परीक्षित कथा प्रधान हैं। कथा व्यास ने बताया कि कथा प्रधान श्रीमद भागवत को ही हम सब श्रवण कर रहे हैं। स्वामी जी ने कहा कि भगवान तो भक्तों के अधीन हैं। वह कभी किसी का बुरा नहीं करते जो अपना हर कार्य प्रभु पर समर्पित होकर करता है। प्रभु उसकी रक्षा स्वयं करते हैं।

श्रीमद भागवत कथा धार्मिक अनुष्ठान के आयोजित कार्यक्रम में आयोजक धनौदिया परिवार ने समस्त भगवत प्रेमियों से कथा स्थल अग्रसेन भवन कटघोरा में पहुंचकर श्रीमद भागवत कथा श्रवण कर पूण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।