7 सालों के लंबे मशक्कत के बाद मिला इंसाफ, SECL के फर्जी नौकरी मामले में न्यायालय से मिला न्याय

बजरंग लाल डिक्सेना

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना / कटघोरा :- पुनिराम पिता भुजबल ग्राम डुडगा थाना कटघोरा निवासी की जमीन पर उसी के गांव में रहने वाले बजरंग लाल डिक्सेना पिता राधे लाल वर्तमान में गेवरा खदान पर इलेक्ट्रिकल के पद पर पदस्थ है। वर्ष 1987-88 में जुनाडीह भूमि अधिग्रहण के पश्चात भू अभिलेखों में फेर बदल कर गेवरा में नॉकरी प्राप्त ली थी, पुनिराम की पत्नी श्रीमती दमयंती बाई ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत जनदर्शन के दौरान तत्कालीन कलेक्टर से की थी, जिस पर जांच के लिए 15/07/2013 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा को भेजा गया था, जिन्होंने जांच हेतु तहसीलदार कटघोरा को निर्देशित किया,तहसीलदार कटघोरा ने आवेदन को पोषणीय न होने के कारण टिप के साथ खारिज कर दिया गया…

प्रार्थी की पत्नी श्रीमती दमयंती बाई ने तहसीलदार द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध 23/06/2014 को उचित जांच हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत किया, जिसमे हल्का पटवारी एवम एस ई सी एल गेवरा प्रोजेक्ट से रिपोर्ट मंगाए जाने पर एस ई सी एल गेवरा व हल्का पटवारी द्वारा स्पष्ट लिखित जानकारी दी गयी कि अधिग्रहित भूमि पुनिराम के नाम पर है पर पुनिराम के स्थान पर बजरंग लाल द्वारा नॉकरी किया जा रहा है। जिस भूमि के अधिग्रहण के सम्बंध में आरोपी द्वारा नॉकरी किया जा रहा है उस पर आरोपी बजरंग लाल का कभी भी नाम दर्ज नही हुआ…..

अनुविभागीय अधिकारी ने जांच के पश्चात स्पष्ठ किया कि” एस.ई.सी.एल प्रबन्धन द्वारा बजरंग लाल को नियुक्ति देने में त्रुटि किया है, उक्त भूमि में बजरंग लाल नॉकरी पाने में किस प्रकार से सफल हुआ यह जांच का विषय है,पर ऐसे मामलों की सुनवाई व जांच का क्षेत्राधिकार इस न्यायालय को नही है। आवेदिका को सक्षम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ प्रकरण समाप्त किया जाता है”….

प्रार्थी ने वकील प्रमोद सोनी के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर करवाया जिस पर न्यायालय ने फिर से जांच शुरू की सभी दस्तावेज जुटाने के आदेश दिए गए,जिनके आधार पर पाया गया की आरोपी बजरंग लाल द्वारा दस्तवेजो में कूटरचना कर नॉकरी कर रहा था, 18/02/2020 को न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए आरोपी बजरंग लाल के ऊपर धारा 420,467,468 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर कार्यवाही हेतु दीपका थाना को आदेश प्रेषित किया…

पूरे घटनाक्रम में एस ई सी एल के पटवारी व अधिकारियो की मिलीभगत से फर्जी नॉकरी हासिल किया जो जांच का विषय है,ऐसे लोगो की वजह से ही प्राथी बीते 7 साल से न्याय के लिए भटक रहा था, उक्त मामले में सबसे सन्दिग्ध भूमिका तत्कालीन कटघोरा थाना प्रभारी, पटवारी व एस ई सी एल के अधिकारियो की रही जिनके कारण प्राथी को सही समय में न्याय नही और दर दर भटकना पड़ा ।