कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ के पूर्व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय और आदिवासी विकास मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में पुलिस की देखरेख में जंगल कटवाया जा रहा है। आदिवासियों के हितों के दावे करने वाली सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इस मामले को लेकर आदिवासी वर्ग नाराज है और वह उग्र प्रदर्शन करेगा।
सरगुजा संभाग के अंबिकापुर जिले में हसदेव अरण्य की रक्षा के लिए जनजाति समाज द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लेने जा रहे केदार कश्यप कुछ देर के लिए कटघोरा में रूके। स्थानीय विश्राम गृह में मीडिया से उन्होंने चर्चा की। बताया गया कि आदिवासियों के द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन में जन प्रतिनिधियों के नाते उनका हिस्सा होगा। बहुत बड़े वर्ग की आवाज बनने के लिए यह सब किया जा रहा है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि ऊर्जा जरूरतों कर आढ़ लेकर हसदेव अरण्य का विनाश करने का काम प्रदेश सरकार कर रही है। जबकि इसी क्षेत्र से होकर एलीफेण्ट कॉरीडोर बनाया जाना है। ऐसे में कई प्रकार के खतरे पैदा होंगे। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ शासन न तो आदिवासियों की बात सून रहा है और न ही उन्हें समझने का प्रयास कर रहा है। जल-जंगल और जमीन पर आधारित आदिवासियों के लिए हसदेव अरण्य मान-सम्मान का विषय बना हुआ है और इसे सरंक्षित करने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जायेगा। उन्होंने ये भी कहा कि राजधानी रायपुर का सिलतरा क्षेत्र पूरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण के खतरें से घिर गया है और इस पर लगातार संकट बना हुआ है। बड़े हिस्से में दिक्कतें पैदा हो रही है। लोगों की समस्याओं और उनके आपत्तियों से सरकार को कोई लेना-देना नहीं है।