कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : गौरतलब है कि राज्य में सरकारी स्कूल भी इंग्लिश मीडियम की तर्ज पर चलाए जा रहे है. सरकार ने गरीबों, वंचितों, निम्न आय वर्गाें के लिए प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गए है और इस वर्ष सरकार ने 32 उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम के स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है. इन्हीं स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया के बाद पालकों जमकर विरोध देखने को मिला। .
आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूल में प्रवेश की होड़ है क्योंकि यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, शैक्षिक एवं सह शैक्षिक गतिविधियां नवाचारी पहल के साथ आयोजित कर लाभान्वित किया जाता है जिसका नतीजा यह है कि इस उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश के लिए अधिकाधिक आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं तथा प्रवेश के लिए इस लाटरी प्रक्रिया में पालक अपना क़ीमती समय भी दिया।
कटघोरा व पोंडी उपरोड़ा के आत्मानंद स्कूल में भर्ती प्रक्रिया में लॉटरी निकालने को लेकर पालकों में जमकर विरोध देखने को मिला। दरअसल 10 मई को लॉटरी के तहत प्रवेश करने वाले बच्चों का नाम निकला गया। लेकिन पालकों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए बताया कि स्कूल में लॉटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बिल्कुल नही रखा गया। बल्कि बच्चो लॉटरी न निकलवाकर जनप्रतिनिधियों के द्वारा नाम की पर्ची निकलवाई गई। और उनके कहे मुताबिक नाम पुकारा गया। पर्ची को किसी बच्चे से न निकलवा कर जनप्रतिनिधियों से लॉटरी निकलवाना कही न कही आत्मानंद स्कूल की भर्ती प्रक्रिया में शासन के नियमों का उल्लंघन करने जैसा प्रतीत हो रहा है।
पूर्व में भी भर्ती प्रक्रिया में विवादों में रहा कटघोरा का आत्मानंद स्कूल
कटघोरा के आत्मानंद स्कूल पिछले वर्ष भी भर्ती प्रक्रिया को लेकर खासा विवादों में रहा। यहां भर्ती को लेकर जरूरतमंद बच्चों को स्कूल से टीसी देकर स्कूल के स्टाफ द्वारा अन्य शासकीय स्कूलों में भर्ती कराया जाने का मामला सामने आया था। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी का गठन भी किया था।लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की सकी। और इस वर्ष भी कटघोरा आत्मानंद स्कूल में भर्ती प्रक्रिया को लेकर पालकों ने संदेह व्यक्त किया है।
15 हज़ार के डिमांड की भी चर्चा पालकों के बीच
कटघोरा आत्मानंद स्कूल में भर्ती को लेकर पालकों के बीच यह भी चर्चा गर्म रही कि लॉटरी प्रक्रिया के पहले बच्चे की भर्ती के लिए स्कूल द्वारा 15 हज़ार की भी डिमांड की गई है। लेकिन यह बात कितनी सही है यह जांच का विषय है। लेकिन इस प्रकार से छ्त्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूल सभी गरीबों, वंचितों, निम्न आय वर्गाें के लिए वरदान साबित हो रहा है लेकिन इस तरह नियमों को ताक में रखकर भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार शासन के नियमों को ठेंगा दिखाने जैसा है। जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा विभाग को इस पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है।