कोरबा : पाली के फिल्टर प्लांट से लगी बेशकीमती शासकीय जमीन पर बेधड़क किया जा रहा कब्जा.. अपनी ऊंची पहुँच की धौंस बताने वाले ग्रामीण के सामने बौना साबित हो रहा नगर पंचायत व राजस्व विभाग.

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : पाली नगर पंचायत अंतर्गत चैतुरगढ मुख्यमार्ग पर शासकीय नवीन महाविद्यालय के समीप निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट फिल्टर प्लांट से लगे बेशकीमती सरकारी भूमि पर बेधड़क कब्जा किया जा रहा है। नाक के नीचे हो रहे अवैध कब्जा पर जानते हुए भी नगर पंचायत एवं राजस्व अमला चुप्पी साधे बैठा है। ग्रामीण द्वारा जिस जमीन पर कब्जा की नीयत से अवैध निर्माण कराया जा रहा है, आने वाले समय में उक्त भूमि का उपयोग 9 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे वाटर ट्रीटमेंट फिल्टर प्लांट से संबंधित अन्य निर्माण के लिए किया जा सकता है। दूसरी अपनी ऊंची पहुँच की धौंस बताने वाले ग्रामीण के सामने नगर पंचायत व राजस्व विभाग बौना साबित हो रहे हैं जो प्रारम्भिक अवैध कब्जा को हटाने में नाकाम है। निर्माण हो जाने के बाद तो हटाना और भी मुश्किल होगा। विगत 6 वर्ष पूर्व भी ग्रामीण द्वारा इसी स्थान पर एक अन्य बेजा कब्जा को अंजाम दिया गया जिस कब्जे का विवादित प्रकरण स्थानीय तहसील न्यायालय में लंबित है, बावजूद इसके ग्रामीण द्वारा बेखौफ होकर राजस्व जमीन के एक और बड़े हिस्से पर कब्जा का प्रयास किया जा रहा है। अगर स्थानीय प्रशासन का रवैया इस कब्जे को हटाने की दिशा में निष्क्रिय बना रहा तो और भी अन्य बेजा कब्जाधारियों को बल मिलेगा तथा इससे लगे लंबे-चौड़े बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा होते देर नहीं लगेगी, तब फिर संबंधित अधिकारियों को हाथ-पांव मारने से ज्यादा कुछ फायदा नहीं होगा तथा करोड़ों की बेशकीमती जमीन अवैध कब्जे की भेंट चढ़ जाएगी। मौन साधे बैठे नगर पंचायत एवं राजस्व अमला को सक्रिय होकर उक्त अवैध कब्जा को हटाने जैसे सख्ती दिखाने की आवश्यकता है नहीं तो राजस्व शासकीय भूमि के एक बड़े हिस्से का रकबा घटने से कतई इंकार नही किया जा सकता। आगामी वर्षों में सरकारी योजना का क्रियान्वयन के लिए जमीन का रोना रोया जाएगा। पाली नगर के लोगों में अवैध कब्जे को लेकर आक्रोश व विरोध है और जल्द ही मामले की शिकायत कलेक्टर एवं विधानसभा के दौरा में आने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से करने का मन बना है। अब देखने वाली बात है कि अवैध कब्जा हटाने में राजस्व अमला कितनी तत्परता दिखाता है। वैसे क्षेत्र में खबर यह भी है कि कुछ दिन पहले एसडीम और तहसीलदार इस बेजा कब्जा को हटवाने के लिए पहुंचे थे लेकिन नेताजी से एप्रोच ऐसा लगवाया गया कि वैधानिक शक्ति प्राप्त दोनों अधिकारी बैरंग लौट आए। अब भला नेताजी ही सरकारी जमीन पर कब्जा को संरक्षण देंगे तो कार्यवाही कैसे होगी?

वाटर फिल्टर प्लांट के विस्तार को लेकर उससे लगी शासकीय जमीन जोकि भविष्य में आसपास के लगभग 10 हज़ार लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल पायेगा। लेकिन इस जमीन पर जिस प्रकार कब्जा किया जा रहा है वो पूरी तरह गलत है। जबकि यह जमीन PHE विभाग को आबंटित हो चुकी है। इसकी शिकायत सबंधित राजस्व विभाग के SDM को शिकायत की गई है और जिला कलेक्टर से भी मिलकर इस विषय पर चर्चा कर उक्त जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को मुक्त कराने का प्रयास किया जाएगा।

उमेश चंद्रा, अध्यक्ष नगर पंचायत पाली