परिसीमन के बाद कई वार्ड खस्ताहाल, सीवरेज का पानी पी रहे वार्डवासी.


बिलासपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : 
बिलासपुर नगरी निकाय चुनाव के पहले हुए परिसीमन में बिलासपुर की एक नगर पालिका, दो नगर पंचायत और 15 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया था. लेकिन निगम से जुड़ने के बाद अब नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों की दुर्दशा हो (Problems piled up in the wards of Bilaspur) रही है. पंचायतों से जुड़े जनप्रतिनिधि और नागरिक अब ये कहने लगे हैं कि पहले की तुलना में अब परेशानी बढ़ गई है. निगम से जुड़ने के बाद विकास तो दूर मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

जनता हो रही है त्रस्त : वार्ड की जनता अब इस बात को कहने लगी है कि पहले ही सब कुछ सही था, फिर क्यों उनके वार्ड को नगर निगम सीमा क्षेत्र में जोड़ा गया है. वार्ड के नागरिकों ने बताया कि नालियों के भीतर पाइपलाइन होने की वजह से उसने घर जो पेयजल पहुंच रहा है उसमें मल होता (Ward residents drinking sewerage water in Bilaspur) है. पेयजल के माध्यम से उनके घरों में बीमारियां पहुंच रही हैं और मलयुक्त पानी पीने से उन्हें कई बीमारियां भी हो रही है.कई बार लिखित में शिकायत देने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

2019 में हुआ था परिसीमन : प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 2019 के पहले परिसीमन किया गया था. उस परिसीमन में बिलासपुर नगर निगम के विस्तार के लिए एक नगर पालिका, दो नगर पंचायत और 15 ग्राम पंचायतों को बिलासपुर नगर निगम में शामिल किया गया था. निगम में इन क्षेत्रों के शामिल होने के बाद नगर निगम के 66 वार्ड बढ़कर 70 हो गए थे.

खुशियां हो गईं गुम : इन क्षेत्रों के जुड़ने के बाद शुरुआत में इन पंचायतों के जनप्रतिनिधि और आम नागरिकों को काफी खुशी हुई , क्योंकि उनके वार्डों के विकास के लिए उन्हें निगम क्षेत्र में जोड़ा जा रहा था. लेकिन दो साल में यहां के जनप्रतिनिधियों को मिली खुशी धरी की धरी रह (Councilors and citizens are upset) गई. अब वे पछता रहे हैं कि उन्हें निगम में क्यों जोड़ा गया.

स्वीकृति के बाद होगा विकास : परिसीमन के बाद जुड़े वार्डों के विकास को लेकर नगर निगम के अधिकारी कमिश्नर और जनप्रतिनिधि कुछ भी कहने से इनकार करते हैं. इस मामले में जब उनसे जानकारी मांगी गई तो निगम कमिश्नर ने कहा कि शासन से स्वीकृति के लिए बजट तैयार कर भेजा गया है. वहीं इस मामले में महापौर रामशरण यादव ने कुछ भी बोलने की बजाए तर्क देते हुए कहा कि सामान्य सभा में प्रस्ताव पास हुआ है, और यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा. राज्य शासन की स्वीकृति के बाद वार्डो का विकास शुरू होगा.