अंतरराज्यीय गांजा तस्करी रोकने में पुलिस कामयाब, तीन महीने में की ताबड़तोड़ कार्यवाई.


बालोद(सेंट्रल छत्तीसगढ़) :
 जिले से दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं . जिसमें से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 जो कि धमतरी से गढ़चिरौली को जोड़ता है. वहीं दूसरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 रायपुर से दंतेवाड़ा को जोड़ता है. परंतु राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 जो कि ओडिशा से सीधे संपर्क में रहता है. ये गांजे की तस्करी का एक बड़ा सर्कल है. इस सर्कल को तोड़ने में बालोद पुलिस में महारत हासिल कर ली है. बीते 3 महीने में बालोद पुलिस ने शानदार कार्रवाई करते हुए गांजा तस्करी के सिंडिकेट को (Screws on ganja smugglers in Balod) तोड़ा है.


2021 में हुई थी 15 कार्रवाई : पिछले वर्ष की बात करें तो वर्ष 2021 में बालोद पुलिस की टीम ने गांजे के तस्करी के मामले में 15 कार्रवाई की थी .उस समय केवल एक ही थाना अस्तित्व में था. जो कि गुरूर थाने के रूप में हैं. लेकिन गुरुर थाने को पुलिस सहायता केंद्र के रूप में स्थापित कर यहीं से गांजा तस्करों के खिलाफ रणनीति तैयार की गई.

तीन महीने में 320 किलो गांजा जब्त : पिछले 3 महीने में बालोद पुलिस की टीम ने कुल 5 गांजे के बड़े-बड़े प्रकरण बनाए गए हैं. जिसमें 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 310 किलो गांजा बरामद किया गया है. यह एक बड़ा आंकड़ा है. गांजे के दृष्टिकोण से और बालोद पुलिस ने गांजा तस्करों के इस चैन को तोड़ने में सफलता हासिल की है.



राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 पर तस्करी : राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 बस्तर के रास्ते सीधा ओडिशा से जुड़ता है. ओडिशा के मलकानगिरी को गांजे का हब कहा जाता है. यही से ही बड़े-बड़े शहरों जैसे मुंबई यूपी समेत अन्य राज्यों में गांजा की सप्लाई की जाती है. जितने भी आरोपी बालोद पुलिस ने पकड़े हैं ज्यादातर अन्य राज्यों में सप्लाई करने वाले गैंग है.