लौह खदान के विरोध में 22 गांवों के ग्रामीण पहुचे कलेक्ट्रेट,पुलिस ने ग्रामीणों पर किया लाठीचार्ज.


नारायणपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): 
रावघाट लौह खदान के विरोध में क्षेत्र के प्रभावित 22 गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया. गांव वाले केलेक्टर कार्यालय का मेन गेट तोड़कर कलेक्टोरेट परिसर में घुसने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इसमें करीब 25 से 30 ग्रामीण घायल हो गए हैं.

बैरिकेट्स तोड़कर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे हजारों ग्रामीण: नारायणपुर जिले में रावघाट परियोजना के विरोध में हजारों ग्रामीणों ने आज कलेक्टोरेट कार्यालय का घेराव किया. ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़कर कलेक्टर कार्यालय में घुसने की कोशिश की. इस दौरान यहां पर जमकर नारेबाजी भी की गई. पुलिस ग्रामीणों को रोकने में नाकाम साबित हुई. भीड़ जब बैरिकेड तोड़ रही थी तो पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज भी किया. ग्रामीणों की मांग है कि रावघाट परियोजना को बंद कर दिया जाए.


लंबे समय से चल रहा विरोध: गौर हो कि लंबे समय से गांव वाले रावघाट लोहा खदान, बीएसपी (भिलाई स्टील प्लांट) के साथ-साथ देव माइनिंग कंपनी का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि देव माइनिंग और बीएसपी कंपनी हमारी मांगों का नजरअंदाज कर रही है और चोरी छुपे लौह अयस्क रात के समय 12:00 बजे के बाद निकालती है. यह सरासर चोरी है. आज ग्रामीण आदिवासियों का आंदोलन इतना उग्र था की पुलिस बैरिकेड भी काम न आ सका. इस बीच पुलिस और ग्रामीणों के मध्य आपसी बल प्रयोग से लाठीचार्ज किया गया, जिसमें लगभग 25 से 30 ग्रामीण जख्मी हुए.

ग्रामीणों का कहना है कि, बिना ग्राम सभा के अनुमति के रावघाट से लौह अयस्क खनन शुरू कर दिया था. यह अयस्क हमारा है और कंपनी इसकी चोरी कर रही है. उत्खनन को लेकर किसी भी तरह की ग्राम सभा नहीं हुई. 2 सप्ताह पहले बीएसपी के कंडक्टर देव माइनिंग कंपनी ने ट्रक से लोहे का परिवहन करना शुरू कर दिया था. जिसे इलाके के ग्रामीणों ने चोरी बताया और ट्रक को खोड़गांव में ही खड़ा करवा दिया. जिसके बाद ट्रक से लौह अयस्क खाली करवाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि जब थाने में इस मामले के संबंध में मामला दर्ज करवाना चाहा तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया.