कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)अंकित सिंह:- आर सीआरएस की उपलब्धि आर सी आर एस के मेंबर और रेस्क्युरर शेष भान के यहाँ शाम को एक छोटा सा साँप निकला जिसकी फोटो शेष भान गोस्वामी(पार्षद छुरी)ने तुरन्त आर सीआरएस के अध्यक्ष अविनाश यादव को भेजी, साप की पहचान फुर्सा सांप के रुप मे की गई, ज्ञातव्य हो कि शेष बहन गोस्वामी जी स्वयं भी आर सी आर एस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और जीवों के संरक्षण के प्रति बेहद संवेदनशील होकर कार्य करते हैं,खबर मिलने पर तुरन्त डीएफओ कटघोरा प्रेमलता यादव को सूचना दी गई ,आर सी आर एस के सदस्य एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के सदस्य मौके पर पहुंचे।उक्त सर्प को डीएफओ कटघोरा के दिशा निर्देशानुसार उसे सर्प के सुरक्षित प्राकृतिक रहवास मे छोड दिया गया।
अफई (Echis carinatus) छोटा और विषैला साँप है जिसका सिर तिकोना और जिसकी सफेद रंग की भूरी पृष्ठभूमि पर एक तीर का निशान बना रहता है।शरीर धूसरपन लिए हुए भूरा और उसपर पीले चिह्नों की एक श्रृंखला होती है। उक्त श्रृंखला देह के ऊपर एक वक्र बनाती है। अफई या फुर्सा सांप की लंबाई 55० मि.मि. तक पाई गई है। जंतु विज्ञान में इसका नाम एकिस कैरिनैटस है।
स्थानीय रूप से देखा जाए तो यह सांप अब ज्यादातर नहीं दिखते।
अविनाश यादव बताते हैं कि इतने साल से वह कोरबा क्षेत्र में रेस्क्यू कर रहे हैं पिछले 10 सालों में यह पहली बार मिला है ।इस सांप का मिलना हर्ष का विषय है क्योंकि हरपेटोलॉजिस्टस के दृष्टिकोण से इस सांप का मिलना यहा कि सरिसृप जैव विविधता को दर्शाता है ।अविनाश यादव ने जनसामान्य से अपील की है, कि किसी भी जीव जन्तु या सर्प को मारे नहीं अपितु वन विभाग को कॉल करें ।जिस प्रकार से यह साप दिखने में बहुत छोटा था परन्तु अत्यन्त विषैले सर्प में इसकी गिनती होती है इसीलिए सापो को स्वयं से पकड़ने का प्रयास न करें वन अधिनियम का पालन करे।