कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) कटघोरा : – कटघोरा वन मंडल क्षेत्र में हांथी की समस्या एवं समाधान विषय पर शुक्रवार को कटघोरा सांस्कृतिक भवन के सभाकक्ष में कटघोरा वन मंडल में हांथी प्रभावित क्षेत्र पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हाथियों से होने वाली जनहानि को शून्य करने सहित अन्य हानियों को कम करने पर अल्पकालीन एवं दीर्घ कालीन उपायों पर विचार विमर्श किया गया। वन विभाग के द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में हांथी से बचाव हेतु विस्तार से चर्चा की गई |कटघोरा वन मंडल के केंदई, एतमानगर, वनपरिक्षेत्र में हांथीयों ने लगभग 6 महीनों से डेरा डाल रखा है । यहां हांथीयों द्वारा जनहानि, एवं ग्रामीणों के मकान तोड़ दिए गए हैं वन अमला भी खासा परेशान हैं जिसे लेकर आज कटघोरा के संस्कृतिक भवन में हांथीयों से बचाव हेतु जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कोरबा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल उपस्थित हुई, उन्होंने कहा कि हाथियों की वजह से हो रही हानि को रोकने लिए अल्प कालीन एवं दीर्घ कालीन कदम उठाने की जरूरत है। हाथी आने पर क्या करें और क्या नहीं करें इस विषय की जानकारी ग्रामीणों को देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानव-हाथी द्वंद को समझना जरूरी है। जागरूकता के लिए ग्रामीणों एवं अधिकारियों से आपसी तालमेल जरूरी है। प्रभावित क्षेत्रों में गावों में गजमित्र संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। हाथी के मूवमेंट की सूचना तत्समय मिलने के लिए सूचना तंत्र को विकसित किया जाना चाहिए। कार्यशाला में वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा श्री प्रभात दुबे ने कहा कि हाथी में सूंघने की क्षमता सबसे अधिक और देखने की क्षमता सबसे कम होती है। मानव हानि को शून्य करना हमारा लक्ष्य है। हाथी शाम को 5 से 7 बजे के बीच जंगल से गांव की ओर और भोर में 3 से 7 बजे के बीच गांव से जंगल की ओर जाते है। जागरूकता के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है,और मोबाईल-टेलफ़ोन सहित गजमित्र सूचना केंद्र का संचालन किया जाएगा। हाथी आने पर ’’क्या करें- कार्यशाला में बताया गया कि हाथी आने पर एलीफेण्ट लाईट का उपयोग करें। हाथी आने पर लाउडस्पीकर से ’’शेर की दहाड़’’ एवं मधुमक्खी की भन-भनाहट प्रसारित करें। हाथी को देखते ही वन अमला को सूचना दें। हाथी आगमन की सूचना पर मशाल तैयार रखें। हाथी आगमन की सूचना पर दल बनाकर रात्रि गष्त करें। यदि आप पहाड़ी क्षेत्र में है तो ढलान की दिषा में दौड़ें। हाथियों से अधिक दूरी बनाकर रखें। यदि हाथी आपके पीछे दौड़ते हैं तो सीधे न दौड़कर आड़े तिरछे दौड़ें। रिहायसी मकान में हड़िया, दारू एवं महुआ न रखें। सूर्योदय के पूर्व एवं सूर्यास्त के बाद हाथियों की उपस्थिति में कदापि जंगल में न जाये। घर में निर्मित शौचालय का उपयोग करें। सोने के कमरे में अनाज भण्डारित न करें। खुले खलिहान में न सोयें। बच्चे, महिलायें एवं वृद्ध को हाथी के समीप न जाने दें। हाथी को चारो तरफ से न घेरें। इस मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी एवं कटघोरा वनमंडल के समस्त अधिकारी तथा हांथी प्रभावीत क्षेत्र के ग्रामीण मौजूद रहे…..