रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- प्रदेश में इन दिनों लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रहा है. प्रदेश में बुधवार को 1500 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले. मौसम में बदलाव ने भी लोगों के डर को बढ़ा दिया है. ठंड के मौसम में बीच-बीच में हो रही बारिश के कारण रात का तापमान गिर रहा है. दोपहर को तेज धूप निकल जाती है, जिससे सर्दी, खासी, बुखार, डायरिया जैसी शिकायतें अधिकतर लोगों में देखने को मिल रही है.
अस्पतालों में भी मौसमी बीमारी की वजह से भीड़ देखने को मिल रही है. मौजूदा समय में अस्पताल के क्या हालात हैं. आम लोग क्या सोचते हैं. कोरोना को लेकर लोग कितने सतर्क और डरे हुए हैं, इसकी जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने मेकाहारा के रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर देवी ज्योति दास से खास बातचीत की. इसके अलावा मरीजों के परिजनों से भी बात की. आइए जानते हैं, मौजूदा हालात के बारे में उनका क्या कहना है?
ठंड में बढ़ती है मौसमी बीमारियां, कोरोना टेस्ट जरूरी
मेकाहारा के रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. देवी ज्योति दास कहती हैं कि कुछ दिनों पहले प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई थी, जिससे कई जगहों में ठंड बढ़ गई. ऐसे में मौसमी बीमारियां आम हो गई है. “इनफ्लुएंजा” वायरस से होती है, इसके साथ ही हम देख रहे हैं कि पूरे विश्व में तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है. वहीं ओमीक्रोन के अलावा और ऐसे कई वेरिएंट हैं, जो देखने को मिल रहे हैं. ये जरूरी नहीं कि कौन सा वैरिएंट कितना खतरनाक है. कोरोना का ट्रीटमेंट हर वैरिएंट में एक ही जैसा है.अगर आपकी तबीयत खराब होती है और आप कोविड संक्रमित पाए गए, तो आपको आइसोलेट रहना पड़ेगा. कई लोग तो कोरोना को भी मौसमी बीमारी समझ घर पर ही दवा खाकर उसका इलाज करने लगते हैं. लेकिन टेस्ट नहीं कराते. जिसके कारण कोरोना का प्रॉपर इलाज नहीं हो पाता और संक्रमितों की संख्या बढ़ती जाती है. ऐसे में लोगों को मौसमी बीमारी में भी कोरोना टेस्ट कराना चाहिए ताकि संक्रमित होने पर खुद के साथ-साथ आस-पास के लोग को भी बचाया जा सके.
मौसमी बीमारी और ओमीक्रोन के लक्षण एक जैसे
ओमिक्रोन वेरिएंट और डेल्टा प्लस वेरिएंट के सिम्टम्स में अंतर देखने से पता चलता है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट में जो स्मेल और टेस्ट लॉस होता था. वह ओमिक्रोन में देखने को नहीं मिल रहा है. मतलब ओमीक्रोन नर्व पर ज्यादा असर नहीं करता है. दूसरा यह फेफड़े पर भी ज्यादा असर नहीं करता. ओमीक्रोन शरीर के अपने लेयर को ज्यादा इफेक्ट करता है. यानी कि आपको बुखार हो सकता है, सर्दी-खांसी हो सकती है. ओमीक्रोन में गले में तेज दर्द होता है. खासी में बलगम मिलता है, डायरिया भी ओमीक्रोन का एक महत्वपूर्ण सिस्टम है. मौसमी बीमारी में भी डायरिया बहुत से लोगों को होती ही. ऐसे में कोरोना टेस्ट जरूर कराना चाहिए क्योंकि मौसमी बीमारी और ओमीक्रोन के लक्षण एक जैसे हैं.
इम्यूनिटी मजबूत रखना है जरूरी
अभी सबसे अच्छी बात यह है कि लोग जागरूक हो गए हैं और जैसे ही उनको लगता है कि उनकी तबीयत खराब हो रही है, वह होम आइसोलेट हो जा रहे हैं. अगर उन्हें सर्दी है तो सर्दी की दवाई ले रहे हैं. मौजूदा समय में इन्मयूनिटी को बढ़ाना बेहद जरूरी है. आपको हेल्दी खाना स्वस्थ रहने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप में संक्रमण का लक्षण दिख रहा है, तो आप जरूर टेस्ट करवाएं.
लोगों के लिए कोरोना के प्रति जागरूकता जरूरी
लोगों ने बताया कि मौसम में बदलाव से मौसमी बीमारी हो रही है. अस्पताल में भीड़-भाड़ होने का कारण लोगों की भीड़ है. संक्रमित मरीजों की संख्या भी प्रदेश में तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में जरूरी है कि सुबह गर्म पानी पिएं और स्वस्थ रहें. भीड़भाड़ वाली जगहों पर ना जाएं और मास्क पहने रहें.