मुंगेली(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर जगह जगह से खबरें आ रही है. कहीं धान खरीदी केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे हैं तो कही किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है. इसी कड़ी में लोरमी विकासखंड के ग्राम साल्हेघोरी (Salheghori Village) में धान खरीदी केंद्र में किसानों ने ताला जड़ दिया. किसान साल्हेघोरी के किसानों का नाम कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज नहीं होने से नाराज हैं. रिकार्ड में नाम नहीं होने से किसान ना तो किसानों का टोकन कट पा रहा है और ना ही किसान अपना धान बेच पा रहे हैं.
सात गांवों के किसानों के लिए खोला गया खरीदी केंद्र
जानकारी के मुताबिक लोरमी के गोंड खाम्ही धान खरीदी (Gond Khamhi Paddy Bought) से अलग एक नई धान खरीदी केंद्र साल्हेघोरी (Salheghori Village) में इसी साल खोला गया है. इसके पीछे वजह थी कि साल्हेघोरी और उसके आसपास के 6 अन्य गांवों के किसानों को धान बेचने के लिए लंबी दूरी तय करनी होती थी. लेकिन साल्हेघोरी गांव के किसानों की समस्या कम होने के बजाये तब और बढ़ गई जब 7 गांवों के धान खरीदी के लिए केंद्र साल्हेघोरी में तो खोल दिया गया.
कंप्यूटर में मैपिंग नहीं होने किसानों का नहीं आ रहा नाम
लेकिन इस गांव के किसानों का नाम कंप्यूटर में मैपिंग नहीं होने के कारण शो नहीं हो रहा है. जिससे आसपास के 6 गांवों के किसान अपना धान बेच रहे हैं लेकिन साल्हेघोरी गांव के किसानों का ही धान 14 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं बिक रहा है इसी बात से नाराज सैकड़ों किसानों ने धान खरीदी केंद्र के बाहर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया. किसान नारेबाजी करते हुए खरीदी केंद्र के बाहर धरना प बैठ गए. क्षेत्र के किसान और जनप्रतिनिधि जनपद सदस्य कुलेश्वर साहू का कहना है कि जब तक उनके गांव के किसानों का धान नही खरीदा जायेगा तब तक यहां खरीदी नहीं होने दी जायेगी.
साल्हेघोरी धान खरीदी केंद्र (Salheghori Paddy Purchase Center Mungeli) में तालाबन्दी कर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. घंटों से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकार अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है. जिसके पास किसान अपने समस्या रख सके.
अम्बिकापुर में बारदाना की परेशानी
अम्बिकापुर के नजदीक सरगंवा धान खरीदी केंद्र (Sarganwa Paddy Purchase Center Ambikapur) में किसान चौपाल लगाई गई. खरीदी केंद्र में किसान व्यवस्था से संतुष्ट नजर आये, पीने के पानी, टोकन सिस्टम, धान खरीदी का सिस्टम, शौचालय की व्यवस्था, धान के रखरखाव सहित तमाम सुविधाओं से किसान संतुष्ट नजर आये थे. लेकिन बारदाने की समस्या से यहां भी किसान दो चार हो रहे थे. यहां बारदाना तो हैं लेकिन बारदाना पुराना और फटा हैं. फटे पुराने बारदाना धान ना सिर्फ खराब होता है बल्कि वजन भी कम होता है. जिसका खामियाजा धान खरीदी समितियों को भुगतना पड़ता है.