कटघोरा : शहीद वीर नारायण बलिदाम दिवस पर कटघोरा जिला बनाओ अभियान के 110वें दिन समर्थन देने धरना स्थल पहुंचे गोंगपा पार्टी व अन्य आदिवासी समाजिक संगठन.. जिला बनाने को लेकर तहसीलदार को सौपा ज्ञापन.

कोरबा/कटघोरा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : शहीद वीर नारायण के बलिदान दिवस पर आज कटघोरा में गोंगपा के द्वारा बलिदान दिवस मनाया गया और कटघोरा जिला बनाओ अभियान को लेकर अधिवक्ता संघ का अनिश्चितकालीन क्रमिक धरना प्रदर्शन को आज 110 दिन हो चुके हैं। कटघोरा को जिला बनाओ अभियान को समर्थन देने आंदोलन के 110 वें दिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तथा छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना, सतगढ़ कंवर समाज व अन्य आदिवासी सामाजिक संगठन शहीद वीर नारायण के बलिदान दिवस के अवसर पर पूरे लाव-लश्कर के साथ व्यवहार न्यायालय स्थित अधिवक्ताओं के धरना स्थल पहुंचे थे।

अपने उद्बोधन में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश सचिव शरद देवांगन ने बताया कि कटघोरा कितना पुराना तहसील है और इस क्षेत्र की विरासत कितनी उज्ज्वल रही है यह बताने की आवश्यकता नही है. कटघोरा तहसील क्षेत्र उन सभी निर्धारित मापदंडों को पूरा करता है जो एक जिले के लिए जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी पुरातन तहसीलों को जिले का दर्जा दिया जा चुका है लिहाजा कटघोरा भी अपने इस अधिकार की मांग करता है। अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में चाहे भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही हो या कांग्रेस की सरकार लेकिन कटघोरा की हमेशा से उपेक्षा होती रही है यही वजह है कि आज तक कटघोरा को जिला नहीं बनाया गया है। लेकिन अब सरकार को कटघोरा को जिला का दर्जा देना होगा।

गोंगपा के राष्ट्रीय सचिव लालबहादुर कोराम ने बताया कि अक्सर नए जिलो के गठन में जो कठिनाई सबसे ज्यादा सामने आती है वह क्षेत्र विशेष के लोगो की असहमति के तौर पर सामने आती है। लेकिन कटघोरा पूरी तरह से निर्विवाद है। इसकी मिशाल इसी बात से मिलती है कि अबतक दर्जनों सामाजिक संगठन, धार्मिक, व्यापारिक संघों ने यहां आकर इस अभियान को अपना समर्थन पत्र सौंपा है। श्री कोराम ने बताया कि प्रस्तावित जिले में जिन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा उसकी कुल जनसंख्या साढ़े छह लाख है। जाहिर है सरकार के पास इन साढ़े छह लाख लोगों को रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा व बुनियादी संसाधन पहुंचाने का एक बढ़िया अवसर होगा।

बीस साल पहले प्रयासों में थी कमी, अब नही होगी”

पोंडी उपरोड़ा की जनपद अध्यक्ष संतोषी पेन्द्रों ने बताया कि 1998 के पूर्व जब कोरबा जिले का गठन नही हुआ था तब कोरबा पंचायत कटघोरा तहसील के अधीन था। हमारी मांगे उस दौर में भी पूरी हो सकती थी पर शायद प्रयासों में कोई कमी रह गई होगी। लेकिन आज जिस मुखरता और एकजुटता से क्षेत्र की जनता, अधिवक्ता व पत्रकार संघ ने इन मांग को उठाया लिहाजा अब किसी तरह के चूक की कोई गुंजाइश नही।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला संयोजक जैनेंद्र कुर्रे ने इस दौरान कहा कि कटघोरा शुरू से ही जिले का हकदार रहा है, लेकिन कटघोरा के साथ शुरू से ही छल किया गया है। उन्होंने कहा कि कटघोरा जिला बनाने के लिए हमें उग्र आंदोलन करना पड़ेगा। कटघोरा को सरकार ने हमेशा से उपेक्षित किया है लेकिन अब सरकार को कटघोरा को जिले का दर्जा देना होगा, इसके लिए उग्र आंदोलन करना पड़े तो इसके लिए सभी तैयार है। इस दौरान मंचस्थ अन्य वरिष्ठ जनों ने भी बैठक को संबोधित कर कटघोरा को जिला बनाने अपनी अपनी बातें रखीं।

शहीद वीर नारायण के बलिदान दिवस के अवसर पर मुख्य रूप से शरद देवांगन (प्रदेश महामंत्री, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ), संतोषी पेन्द्रों ( अध्यक्ष, जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा, दादा निर्मल सिंह मरकाम (सभापति गोंडवाना महासभा तिवरता ), माहीलाल सिंह कंवर ( संयोजक सतगढ़ कवर समाज युवा प्रभाग ), जैनेंद्र कुर्रे ( संयोजक छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना कोरबा ), प्रवीण चंद्र पालिया ( जिलाध्यक्ष शंभू शक्ती सेना कोरबा ), गिरजा शंकर कोराम ( जिला अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कोरबा विजय प्रभात खबर अध्यक्ष संतगढ़ कवर समाज युवा समिति कोरबा) लाल बहादुर कोराम ( राष्ट्रीय सचिव गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ) तथा बड़ी संख्या में आदिवासी समाजिक संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।