कोरबा : धान खरीदी के दो दिवस पूर्व डाटा एंट्री ऑपरेटर जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर.. 1 दिसम्बर से शुरू होने वाली धान खरीदी पड़ सकता है प्रभाव.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना :- छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी ऑपरेटर संघ के प्रांतीय आह्वान पर कब होगा न्याय के तहत 29 नवंबर को धान खरीदी के ठीक दो दिवस पूर्व दो सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया संघ की दो सूत्रीय मांग है, जिसमें धान उपर्जन केन्द्रों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर को 9 माह से बढ़ाकर 12 माह वर्तमान संविदा वेतनमान दिया जाए, एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठ कर्मचारी माना जाए शामिल हैं।

वर्ष 2007 से शासन के धान उपार्जन केन्द्रों में कंप्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर की संविदा आधार पर 6 माह के लिए नियुक्ति की गयी थी, विगत 14 सालों से कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी सेवाएं उस पद पर देते आ रहे हैं। 6 माह के संविदा को बढ़ाकर 9 माह किया गया है लेकिन शासन डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य 12 माह लेती है और वेतन मात्र 9 माह का देती है। खाद्य विभाग के आदेश पर विपणन संघ द्वारा यह वेतन भुगतान किया जाता है। शासन द्वारा निर्देशित वित्त निर्देश के आधार पर संविदा वेतन दिया जाता है पंरतु यह वेतनमान दो या तीन वर्षों के बाद लागु किया जाता है।

धान खरीदी के अलावा समिति में अन्य महत्वपूर्ण कार्य जैसे खाद वितरण का ऑन लाईन प्रविष्टि । गोधन न्याय योजना के तहत ऑन लाईन वर्मी कंपोस्ट विक्रय। प्रधानमंत्री फसल बीमा। एकीकृत किसान पंजीयन तहत सभी किसानों का पंजीकरण। ब्याज अनुदान योजना। राजीव गांधी किसान न्याय योजना संपादित किए जाते हैं। इस प्रकार से समितियों में डाटा एट्री ऑपरेटरों की अनिवार्य आवश्यकता पूरे 12 माह बनी रहती है तथा अनुपस्थिति में कार्य संभव ही नहीं है फिर स्टाफिंग पैटर्न के तहत पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर द्वारा ली जा रही जानकारी में ऑपरेटरों का नाम कर्मचारी के रूप में सम्मिलित नही किया जा रहा है। अभी शासन न अपना कर्मचारी मानती है न विपणन संघ और न ही समिति अपना कर्मचारी मानती है। इस प्रकार से विगत 14-15 सालों से डाटा एंट्री ऑपरेटरों का शोषण किया जा रहा है।

न्याय योजना कियान्वित करने वाली सरकार किसानों के सेवा में समर्पित कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी ऑपरेटर संघ द्वारा 29 नवम्बर से अनिश्चित कालीन धरने की घोषणा से 1 दिसम्बर से प्रारम्भ हो रही धान खरीदी में बड़ा प्रर्भाव पड़ने वाला है। किसानों को उपार्जन केंद्रों से मायूसी हासिल होने की पूरी संभावना है।