कोरबा: भारी वाहनों के लंबे जाम से ग्रामीणों में आक्रोश, अवैध वेब्रिज पर कार्रवाई की मांग..

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- नकटीखार बायपास  मार्ग पर अवैध रूप से संचालित वे ब्रिज पर कार्रवाई  करने की मांग करते हुए आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जनहित एवं शासनहित में इसका अवैध संचालन बंद करवाने का अनुरोध किया है।

कलेक्टर को लिखे शिकायत पत्र में अनुरोध किया गया है कि धूल का गुबार उड़ाती राखड़ लोड गाड़ियों का लम्बा जाम लगने से यह मार्ग एक्सीडेंटल जोन का आकार लेता जा रहा है। गाड़ियों में रखे राखड़ के उड़ने से ग्रामीण कई तरह गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे है।  आमजन के हित को ध्यान में रखते हुए तत्काल वे ब्रिज को बंद करने की मांग पत्र में की गई है।

बालको के राखड़ डेम से निकलने वाली राख के वेट के लिए लगी वे ब्रिज अब ग्रामीणों के सरदर्द का कारण बन गया है।  बिना किसी वैध अनुमति के चल रहे वे ब्रिज में राख के वेट के लिए गाड़ियों की लम्बी प्रतिदिन लंबी कतार लग रही है। गाड़ियों के लग रहे जाम से लगातार दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अवैध रूप से संचालित वे ब्रिज पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए आर.टी.आई. कार्यकर्ता ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है।

उल्लेखनीय है कि झगरहा चौक में आदिवासी की जमीन पर वे ब्रिज संचालित है। वे ब्रिज संचालित करने वाले सफ़ेद पोश नेता द्वारा अपने प्रभाव का दंभ भरते हुए बिना किसी डायवर्सन के राखड़ वेट करने का काम लंबे समय से किया जा रहा है , पर अब ग्रामवासी राख के गुबार से परेशान होकर आरपार की लड़ाई के मूड में आ गए है। ग्रामीणों की समस्या को लगातार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन के लोगों ने जानबूझकर अनदेखा किया तो आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता मनीष राठौर नेआगे आकर ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए बीड़ा उठाया और कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर कार्रवाई  की मांग की है।

शिकायत की वापसी के लिए बना रहे है दबाव

कलेक्टर से अवैध वे ब्रिज की शिकायत के बाद अब शिकायतकर्ता पर आवेदन वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे ब्रिज का संचालनकर्ता बालको भाजपा का नेता का है जो अपने प्रभाव का दम्भ भरकर  किसी विभाग से बिना अनुमति के संचालन अवैध रूप से कर रहा है।  इस वे ब्रिज से ग्रामीणों के स्वास्थ्य  से तो खिलवाड़ हो रहा है पर कारोबार करने वाले नेताजी को क्या ? उनका तो बंधा बंधाया फिक्स रकम तो आ ही रहा है।  हां ये बात अलग है कि  शिकायत के बाद वे ब्रिज संचालक के तोते जरूर उड़ गए है।