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कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :- सड़क निर्माण कार्यों से जुड़ी कोरबा की बड़ी ठेका कंपनी आरकेटीसी और उसके सुपरवाइजर, चालक समेत 3 लोगों के विरुद्ध ईसीसी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। इस कंपनी के द्वारा वाहन में छत्तीसगढ़ शासन के जारी नियमानुसार पेट्रोलियम पदार्थ डीजल का उपयोग न कर दीगर प्रान्त से लाये गए औद्योगिक उपयोग के पेट्रोलियम का वाहन में उपयोग करना पाया गया है। कलेक्टर रानू साहू के अनुमोदन/आदेश व प्रारम्भिक जांच के आधार पर खाद्य निरीक्षक सुशील कुमार टंडन की रिपोर्ट पर फर्म आरकेटीसी प्राईवेट लिमि. 65 – ए टीपी नगर कोरबा एवं उसके सुपरवाईजर चंद्रभूषण सिंह पिता स्व. सूर्यनारायण सिंह वार्ड 27 शहीद भगत सिंह कालोनी, टैंकर चालक कुशराम पिता शिवलाल ग्राम पहंदा के विरूद्ध अपराध धारा 3, 7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। जप्त पेट्रोलियम पदार्थ के नमूने की जांच रिपोर्ट आना शेष है।
बता दें कि उरगा से बालको नगर की ओर जा रही 2000 लीटर क्षमती की कैम्पर टैंकर सीजी 12 एस 5207 का पीछा कर रिस्दा चौक बालको नगर में सुशील कुमार टंडन एवं उर्मिला गुप्ता खाद्य निरीक्षक के साथ दिनांक 21/10/2021 को जांच किया गया। जांच में पाई गई तथ्यात्मक जानकारी के अनुसार कैम्पर टैंकर के चालक एवं सुपरवाईजर ने टैंकर के अंदर लगभग 2000 लीटर बायोडीजल होना बताया था। उक्त बायोडीजल का उपयोग बड़ी गाड़ियों में डालकर ईंधन के रूप में करते हैं। प्रारम्भिक जांच में पाया गया कि फर्म आरकेटीसी प्राईवेट लिमिटेड के द्वारा छग में डीजल ऑयल की पूर्ति बनाये रखने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले रीति का कार्य करते हुये अन्य प्रांत से औद्योगिक कार्य हेतु प्रदाय पेट्रोलियम पदार्थ द्रव्य को अवैध रूप से क्रय कर डीजल चलित वाहनों में उपयोग किया गया है। जबकि किसी व्यापारी तथा किसी ऑयल कंपनी से भिन्न कोई भी व्यक्ति किसी उपभोक्ता को ऑयल का विक्रय नहीं करेगा और कोई उपभोक्ता किसी व्यापारी या ऑयल कंपनी के सिवाय किसी अन्य से तेल की अपनी आवश्यकता की पूर्ति नहीं करेगा, जिसका उल्लंघन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा किया गया है। कंपनी के द्वारा औद्योगिक कार्य में उपयोग होने वाले पेट्रोलियम द्रव्य को डीजल चलित वाहनों में डीजल के स्थान पर उपयोग किए जाने हेतु अवैध परिवहन किया जाना मोटर स्पिरिट और उच्च वेग डीजल ( प्रदाय ) तथा वितरण का विनियमन और अनाचार निवारण ) आदेश 2005 की कंडिका 3 एवं छ.ग. एमएसएचएसडी ( अनुज्ञापन तथा नियंत्रण ) आदेश 1980 की कंडिका 3 (6) (7) का उल्लंघन है जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 एंव सहपठित धारा 7 के तहत दण्डनीय अपराध है।
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