कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ):- कोरबा जिले के दस महिला स्वसहायता समूहों को अपना स्वरोजगार एवं व्यवसाय शुरू करने के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना के अंतर्गत पांच लाख 25 हजार रूपए का ऋण प्रदान किया गया है। महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम एवं स्वावलंबी बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। जिले के स्व सहायता समूहों द्वारा महिला कोष योजना के अंतर्गत ऋण लेने के लिए आवेदन किया गया था। इन आवेदनों का परीक्षण कर स्व सहायता समूहों को ऋण प्रदान करने के लिए स्वीकृति दी गई है। हरदी बाजार के ईट निर्माण व्यवसाय से जुड़ी खुशी स्वसहायता समूह को 75 हजार रुपये का ऋण, हरदी बाजार के सब्जी व्यवसाय से जुड़ी गंगा स्व सहायता समूह को 50 हजार रुपये का ऋण प्रदान किया गया। इसी प्रकार हरदी बाजार के शीतल, इंदिरा, बासु बाबा स्व सहायता समूह को 50-50 हजार के ऋण स्वीकृत किए गए। पाली के संतोषी माता और लक्ष्मी माता स्व सहायता समूहों को उजियारा रूरल मार्ट के तहत किराना दुकान खोलने के लिए 50 -50 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इसी प्रकार बरपाली के नवोदय स्व सहायता समूह एवं संस्कार स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सुशीला और सुमित्रा को सब्जी व्यवसाय के लिए 50-50 हजार रुपये का ऋण प्रदान किया गया। बरपाली के ही जय मां मड़वारी स्वसहायता समूह को बकरी पालन के लिए 50 हजार रूपए का ऋण प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को ऋण प्रदान करने के लिए यह योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के तहत 3 प्रतिशत वार्षिक दर पर ऋण प्रदान किया जाता है। स्व सहायता समूह को प्राप्त ऋण पहली बार में 24 किस्तों में और दूसरी बार में 36 मासिक किस्तों में वापस करना होता है। ऋण के भुगतान के समय दस हजार के ऋण में पहली किस्त 473 रुपये तथा शेष 23 किस्त 430 रुपये की होगी। इसी प्रकार 20 हजार के ऋण पर पहली 23 किस्त 870 रुपये की दर से और अंतिम किस्त 815 रुपये देय होगा। इसी प्रकार 25 हजार के ऋण पर पहला 23 किश्त एक हजार 80 रुपये और अंतिम किस्त एक हजार 066 रुपये बनेगा। 50 हजार के ऋण पर पहला पहला 23 किस्त दो हजार 160 रुपये तथा अंतिम किस्त दो हजार 133 रुपये देय होगा।