कवर्धा हिंसा केस में बीजेपी नेताओं पर एफआईआर दर्ज,रायपुर में बीजेपी नेताओं ने इस मसले पर राज्यपाल से करगें मुलाकात कर कवर्धा हिंसा की न्यायिक जांच की मांग

कवर्धा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): कवर्धा हिंसा केस में बीजेपी नेताओं पर एफआईआर दर्ज किया गया है. पुलिस ने पूर्व सांसद और पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह पर भी केस दर्ज किया है.झंडा विवाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर 5 अक्टूबर की रैली में भाजपा नेता समेत विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए उत्पात में बीजेपी के बड़े नेता के अलावा दोनों पक्ष के कुल 70 से भी अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. इस केस में लगभग 80 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.

कवर्धा में हिंसा के मामले पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज

बीजेपी नेताओं पर केस दर्ज

बीजेपी के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी और अशोक साहू समेत 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसकी पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने की है. कवर्धा हिंसा मामले में 8 अक्टूबर को जिला प्रशासन एवं सभी समाज के प्रमुखों के साथ जनप्रतिनिधि शहर के अंदर शांति मार्च निकाल रहे है. लोगों से शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. इस बीच शनिवार को नवरात्र के मद्देनजर कवर्धा में सुबह 10 बजे से दो बजे तक यानि 4 घंटे की कर्फ्यू में ढील दी जाएगी.

प्रशासन की लापरवाही से हुई हिंसा

कर्फ्यू में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगी ढील

शुक्रवार को कवर्धा जिला प्रशासन ने कलेक्टर सभागार मे प्रेसवार्ता लिया. जिससे कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा और एसपी मोहित गर्ग मौजूद रहे. वहीं, कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा पत्रकारों से मुखातिब हुए. आज कवर्धा जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि और सभी समाज प्रमुखों द्वारा आज शुक्रवार को शांति मार्च करते हुए नगर के सभी इलाकों मे पहुंचे जहां उन्हें नगरवासियों से भाईचारा बनाए रखने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. इसके परिणाम स्वरूप नगर वासियों के चहरे पर मुस्कान दिखाई दी. त्यौहारी सीजन को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार से कर्फ्यू मे छुट देते हुए सुबह 10 बजे से 02 बजे तक नगरपालिका क्षेत्र में दुकान खोलने की अनुमति दी गई है.

कुल 93 लोग हुए गिरफ्तार

वहीं एसपी मोहित गर्ग ने बताया की जिले मे झंडा विवाद को लेकर 03 अक्टूबर से अब तक 07 एफआईआर में दोनों समुदाय से 1 हजार से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पाडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह भी सामिल हैं. जिसमें एक पक्ष के 16 लोग और दूसरे पक्ष से 77 लोग कुल 93 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.बता दें कि, रविवार तीन अक्टूबर की शाम को हुई दो पक्षों में मारपीट (fight between two sides) के बाद शहर का माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया था. जिसे लेकर जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा दी थी. कलेक्टर ने रविवार को ही स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा कर दी थी. चार जिला रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा से बड़ी संख्या में पुलिस बल और PTS के जवानों को बुलाया लिया गया था. पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है.

रायपुर में बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात

कवर्धा विवाद में गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं को छोड़ने और न्यायिक जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता आज राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ,अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, शिवरतन शर्मा, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, संतोष पांडे और विजय शर्मा शामिल थे. इन नेताओं ने बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. नेताओं ने कहा कि सरकार की वजह से आज कवर्धा दहक रहा है. बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मामले में न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

कवर्धा हिंसा सुनियोजित थी- मोहम्मद अकबर

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि जो गिरफ्तारी हुई है वह वीडियो ग्राफी के मुताबिक हुई है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के उस बयान का जवाब दिया जिसमें कौशिक ने कहा था कि एक विशेष वर्ग के लोगों की गिरफ्तारी ज्यादा हुई है. अकबर ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी सबूत दे दे तो अन्य गिरफ्तारी भी होगी. इसके साथ ही मोहम्मद अकबर ने कहा कि जिस भगवा झंडे को लेकर विवाद (flag dispute) हुआ था उसे मैने दोबारा लगवाया है. जो लोग गिरफ्तार हुए हैं वह कवर्धा के नहीं थे. पूरे मामले की जांच चल रही है. यह घटना प्रायोजित नहीं सुनियोजित (not sponsored) है.

कई दिनों से है तनाव का माहौल

कवर्धा हिंसा के मामले में जिला प्रशासन की तरफ से सामाजिक, आमजन, राजनेता, पत्रकारों के साथ शांति समिति की बैठक का आयोजन की जा चुकी है. साथ ही कवर्धा और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा गया है. इस मामले को लेकर बीजेपी के नेताओं के द्वारा लगातार घटनास्थल पर पहुंचने और सरकार को घेरने की कोशिश की जाती रही है