कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- पाली विख के छोटे से ग्राम बकसाही की आदिवासी बेटी कु कीर्तिका राज पोर्ते का। जिस का हाल ही में छत्तीसगढ़ पीएससी में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हुआ है। लगातार दो बार मंजिल के करीब पहुंच कर चूक गई थी लेकिन आखिरकार तीसरे प्रयास में उसके जुनून के आगे असफलता का तमगा हट गया। इस प्रतिनिधि से अपने इसी संघर्ष को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में जब कक्षा में कोई अधिकारी दौरे पर आता था तो उन्हें देखकर काफी प्रभावित होती थी और इस से प्रशासनिक अधिकारी बनने की ललक जागी थी। इसे ही अपना भविष्य समझ कर अपनी तैयारियों को अंजाम दी। उच्चतर शिक्षा रतनपुर में ग्रहण करने के बाद रायपुर में कंप्यूटर साइंस मे BE. की डिग्री हासिल कर सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई और बिलासपुर में दिल्ली आईएएस अकैडमी संस्थान से अपनी तैयारी पूरी की।पाली विखं ग्राम बकसाही के गरीब आदिवासी परिवार में कृषक महेश्वर राज पिता और माता उर्मिला राज के एक पुत्र और तीन पुत्रियों में सबसे बड़ी कीर्तिका की सफलता पर पूरा गांव फूला नहीं समा रहा है और हो भी क्यों ना! क्योंकि उनकी गांव की बेटी ने परिवार, समाज और पूरे गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता गुरुजनों को दिया है।समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उन्हें बधाइयां देकर सम्मानित कर रहे हैं। गरीबी और विपरीत परिस्थितियां के बावजूद किर्तिका की सफ़लता ग्रामीण क्षेत्र और पिछड़े समाज के युवा वर्ग को बेहतर कैरियर के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन देगा।
मेहनत ,लगन और आत्मविश्वास हो तो कोई कार्य मुश्किल नहीं है असफलता से बिना घबराए लक्ष्य प्राप्ति तक प्रयास करते रहना चाहिए, इसके लिए निर्धनता व विपरित परिस्थितियां भी आड़े नहीं आती है बल्कि यह सफलता की पहली सीढ़ी है“
यह कहना है