दंतेवाड़ा में सागौन लकड़ी के साथ धराया सीआरपीएफ का जवान.

दंतेवाड़ा (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- जिले में सीआरपीएफ 195 बटालियन के सब इंस्पेक्टर (sub Inspector) को सागौन लकड़ी के फर्नीचर का अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा गया है. वन विभाग की टीम (forest department team) उसके खिलाफ मामला दर्ज करने में जुट गई है. वन विभाग उड़नदस्ता टीम (flying squad) को सूचना मिली कि सागौन की लकड़ी से बना फर्नीचर का ट्रक (furniture truck) दंतेवाड़ा से हो कर जाने वाला है.

सागौन लकड़ी के साथ धराया सीआरपीएफ का जवान

जिसके बाद वन विभाग उड़नदस्ता टीम द्वारा जिले के सभी मार्गों की नाकाबंदी की गई. सागौन की लकड़ी (teak wood) के फर्नीचर से भरा ट्रक दंतेवाड़ा ना आकर सुकमा जिले की ओर जाने लगा. इसके पश्चात उड़नदस्ता टीम ने तत्काल सटे जिले सुकमा वन विभाग अमला और जगदपुर वन मंडल कांगेर घाटी बैरियर (valley barrier) और कमानार बैरियर को सूचना दी गई. नाकाबंदी की गई.

वन विभाग की टीम ने रंगे हाथों दबोचा

सागौन लकड़ी से बना फर्नीचर से भरा वाहन क्रमांक CG04 NK 6550 कमानार बैरियर पर रोका गया. उसकी तलाशी ली गई. वहां सागौन की लकड़ी से बना फर्नीचर बरामद किया गया. वाहन के ड्राइवर ने फर्नीचर वाहन परिवहन का पत्र (furniture vehicle transport letter) दिखाया. जिसके बाद वन विभाग उड़नदस्ता की टीम ने उसके आधार पर ट्रक में भरे फर्नीचर का मिलान किया. सत्यापित मात्रा से अधिक फर्नीचर पाया गया और फर्नीचर पूरे नए थे. जबकि सत्यापन में पुराना फर्नीचर दिखाया गयाा था.

जिसके बाद गाड़ी से फर्नीचर को उतार कर सत्यापन किया गया, जो सत्यापित से मेल नहीं खा रहे थे. जिसके आधार पर जब्ती की कार्रवाई करते हुए ट्रक को दंतेवाड़ा वन मंडल लाया गया. जिस का पंचनामा कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वन मंडल अधिकारी एसडीओ अशोक सोनवानी ने बताया कि उपरोक्त माल कुआकोंडा स्थित सीआरपीएफ 195 बटालियन सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह का है जो कि गाड़ी में मौजूद थे.

ट्रांसफर के बाद घर ले जा रहा था फर्नीचर

अपना ट्रांसफर के दौरान इस माल को दंतेवाड़ा से अपने निवास स्थान ले जा रहे थे. सागौन की लकड़ी से बना फर्नीचर की लागत तीन लाख से ऊपर बताई जा रही है. आरोपी सीआरपीएफ 195 बटालियन सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि कुआकोंडा सीआरपीएफ 195 बटालियन सिविल कैक्शन के दौरान ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उनके यहां कुछ पुराने फर्नीचर हैं, जिसे पॉलीश करवा कर मेरे द्वारा तीन लाख रुपए में खरीदी किया गया है.