बैलाडीला की पहाड़ियों पर खनन के विरोध में सर्व आदिवासी समाज, टेंडर निरस्त करने की मांग.

दंतेवाड़ा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : जिले में सर्व आदिवासी समाज (Sarva Adivasi Samaj) हमेशा से ही जल-जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ता आ रहा है. इसको लेकर एक बार फिर बैलाडीला की पहाड़ियों (Bailadila Hill) पर सरकार द्वारा खनन के लिए बैलाडीला की पहाड़ी में ब्लॉक A (जिसमें 78 एकड़ जमीन पर माइनिंग करना है) और ब्लॉक B (जिसमें 452 एकड़ जमीन पर माइनिंग करना है) की टेंडर की प्रक्रिया की जानी है. इसके बाद जिस भी कंपनी को टेंडर मिलेगा, वह वहां माइनिंग शुरू कर देगी. टेंडर भरने की अंतिम तारीख 29 सितंबर 2021 रखी गई है. टेंडर में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां (Multinational Corporations) शामिल हैं. इनमें टाटा, बिरला और अडानी (Tata Birla and Adani) जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. जबकि सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में 12 पंचायतों के ग्रामीणों ने इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की है.




15 गांवों के ग्रामीणों ने इकट्ठे हो समाज को बताई परेशानी

सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि सरकार ने बिना ग्राम सभा के टेंडर जारी किया है. सरकार को टेंडर लगाने से पहले प्रभावित गांव वालों के साथ ग्रामसभा कर प्रस्ताव पारित करना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इस कारण सर्व आदिवासी समाज इस प्रक्रिया का पुरजोर विरोध कर रहा है. सर्व आदिवासी समाज की ओर से पंडेवार ग्राम में प्रभावित 15 गांवों के ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर सर्व आदिवासी समाज के सामने अपनी परेशानी बताई थी. फिर सर्व आदिवासी प्रमुखों, सरपंच, सचिव और जनप्रतिनिधि ने इस गंभीर मुद्दे को लेकर रणनीति बनाई.

टेंडर निरस्त नहीं हुआ तो समाज करेगा आंदोलन

सर्व आदिवासी समाज ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जिस प्रकार केंद्र व राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित क्षेत्रों में जमीन अधिग्रहण कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा साजिश की जा रही है, इसका विरोध किया जाएगा. इसके तहत बैलाडीला की नंदराज पहाड़ी क्षेत्र को बचाने के लिए टेंडर निरस्त करने को सभी पंचायत के लोग 29 सितंबर को हस्ताक्षर अभियान चलाकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे. अगर फिर भी टेंडर निरस्त नहीं किया जाएगा तो सर्व आदिवासी समाज आगामी दिनों में उग्र आंदोलन कर जल-जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ेगा.