कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)आयुष सिंह:- लावारिस मवेशियों की समस्या से आम जनता को राहत दिलाने में कोरबा नगर निगम की असफलता के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 22 सितंबर को निगम के बांकी मोंगरा जोन कार्यालय घेराव की चेतावनी दी थी। घेराव से पहले निगम के अधिकारियों ने माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर को वार्ता के लिए बुलाया। निगम द्वारा लावारिस मवेशियों की समस्या का समाधान करने को लेकर सकारात्मक पहल करते हुए कल से काऊ केचर के माध्यम से लावारिस मवेशियों को उचित स्थान ले जाने का आश्वासन दिया गया निगम द्वारा सकारात्मक पहल को देखते हुए माकपा पार्षद ने 22 सितंबर को निगम जोन कार्यालय के घेराव आंदोलन को स्थगित कर दिया है।
बैठक में निगम की ओर से उपायुक्त बी.पी.त्रिवेदी जोन कमिश्नर तपन योगी तिवारी,करतार सिंह माकपा की ओर से पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन,मोहपाल,सत्रुहन, लखपत,मनोहर, दिलहरण बिंझवार,समारू बिंझवार, बंसी यादव,दिलीप दास, संजय यादव,पुरषोत्तम, जीवन दास,हुसैन बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में निगम उपायुक्त बी.पी..त्रिवेदी ने कहा कि माकपा पार्षद द्वारा लावारिस मवेशियों की समस्या का समाधान किसानों की सहमति से किया जाएगा किसानों के मांग अनुसार गाड़ी उपलब्ध कराई जायेगी और लावारिस मवेशियों को उचित स्थान पर ले जाया जायेगा।
माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर ने कहा कि किसानों के फसल नुकसान और आम जनता के दुर्घटना को लेकर माकपा कोई समझौता नहीं करेगी निगम तत्काल उचित व्यवस्था करे नही तो उग्र आंदोलन झेलने को तैयार रहे।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने निगम के उपायुक्त को कहा कि जब किसानों की फसल समस्या को लेकर जोन कमिश्नर से बात करने पर घुमाते है किसानों के फसल को लेकर अधिकारी गंभीर हो नहीं तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में मोंगरा बस्ती, बांकी बस्ती, मड़वा ढोंढा,गंगानगर, अवधनगर, रोहिना,घोड़देवा बस्ती के किसान उपस्थित थे
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि लावारिस मवेशियों के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है जिसको लेकर निगम घेराव की घोषणा की गई थी आंदोलन से पहले निगम ने सकारात्मक पहल करते हुए समाधान आश्वासन दिया है सकारात्मक पहल को देखते हुए 22 सितंबर को निगम घेराव का आंदोलन को स्थगित कर रहे है लेकिन निगम गंभीरता से किसानों की समस्या का समाधान नहीं करेगी तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे ।