कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-एलआईसी एजेंट ने अपने उपभोक्ता के साथ छल किया और विभागीय अधिकारियों के द्वारा पीड़िता को न्याय व राहत देने की बजाय पिछले 9 महीने से लगातार घुमाया जा रहा है। एलआईसी के जोनल ऑफिस में पॉलिसी कूलिंग ऑफ करने आवेदन दिया जिस पर भी सुनवाई नहीं हुई तो अब राज्य सरकार व जिला प्रशासन से गुहार लगाई है और आवेदन एक माह से लंबित है।
जानकारी के अनुसार पं. रविशंकर शुक्ल नगर एचआईजी-53 का निवासी संतोष सिंह एलआईसी एजेंट है। इसके माध्यम से बांकीमोंगरा निवासी रामसिंह कंवर ने अपने जीवित काल में जीवन बीमा कराया और नॉमिनी पत्नी श्रीमती शीला कंवर को घोषित किया जिसका पॉलिसी क्र. (1) 358321379 (2)358309285 है। 11 फरवरी 2020 को रामसिंह के स्वर्गवास उपरांत मृत्यु दावा राशि 36.18 लाख रुपए जीवन बीमा निगम द्वारा शीला कंवर को प्राप्त हुआ। शीला का आरोप है कि यह दावा राशि निकलने के लिए एजेंट संतोष सिंह ने उससे मदद के बहाने अलग-अलग दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाए। तत्पश्चात उसके खाते से 33 लाख 59 हजार 400 रुपए की राशि काटे जाने पर उसने एजेंट संतोष सिंह से इसकी जानकारी ली तब शीला को नए बीमा की जानकारी हुई। शीला ने उक्त पॉलिसी के बारे में संतोष से पूछा तो भ्रमित कर एक साल बाद यह पॉलिसी बंद करने की बात कही।
शीला ने बताया कि उसे पॉलिसी बॉण्ड (पॉलिसी नं 367451716) 10 दिसंबर 2020 को प्राप्त हुआ तब उसने बीमा की विस्तृत जानकारी ली तो पता चला कि पति की मृत्यु दावा राशि से ही यह पॉलिसी की गई है। पति की मृत्यु उपरांत बच्चों के पालन-पोषण से लेकर शादी-ब्याह की जिम्मेदारी शीला के कंधों पर है और ऐसे में उसके द्वारा नया बीमा कराने का सवाल ही नहीं उठता। वह अत्यंत आर्थिक परेशानियों से जूझ रही है, तब पूरे पैसों का बीमा वह क्यों कराएगी? पीड़िता ने एजेंट के द्वारा किए गए छल और भ्रमित जानकारी देने की शिकायत एलआईसी के भोपाल स्थित क्षेत्रीय अधिकारी से करते हुए उक्त नई पॉलिसी कूलिंग ऑफ करने का आग्रह 23 दिसंबर 2020 को किया। स्थानीय जीवन बीमा कार्यालय शाखा-1 में बीमा कूलिंग ऑफ प्रक्रिया हेतु आवेदन करने पर अस्वीकार कर दिया कि प्रक्रिया में एजेंट की सहमति आवश्यक है। काफी भटकने के उपरांत पीड़िता ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, महिला आयोग, कोरबा कलेक्टर, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, कोरबा एसपी एवं अजाक थाना प्रभारी से शिकायत कर दोषियों को सजा व नई पॉलिसी रद्द करने हेतु कार्यवाही का आग्रह किया है। एक माह बाद भी पीड़िता को राहत नहीं मिल सकी है। इस मामले में एजेंट संतोष सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया।