कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : सुर्खियों में बने रहने वाला कटघोरा वन मण्डल के अंतर्गत फिर एक नया मामला सामने आया है. कटघोरा वन मण्डल अंतर्गत पसान वन परिक्षेत्र में हांथीयों के लगातार विचरण करने से हांथीयों द्वारा ग्रामीणों के घर तथा फसलों का नुकसान हो रहा हैं. वन मण्डल द्वारा प्रभावित ग्रामीणों का मुआवजा प्रकरण वन परिक्षेत्र के वन कर्मियों द्वारा द्वारा बनाकर संबंधित वन परिक्षेत्र अधिकारी के सामने प्रस्तुत करने के पश्चात मुआवजा ग्रामीणों को मिल पाता है.
पसान वन परिक्षेत्र में हांथीयों द्वारा ग्रामीणों का मुआवजा प्रकरण विलंब से प्रस्तुत करने पर बिना जांच के आधार पर कटघोरा DFO द्वारा तीन वन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जिससे नाराज़ वन कर्मियों ने जिला वन कर्मचारी संघ के बैनर तले DFO के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसे लेकर आज बड़ी संख्या में वन 7कर्मी वन मण्डल कार्यालय पहुंच कर DFO के नाम ज्ञापन सौपा और नारेबाजी की.
मीडिया को जानकारी देते हुए वन कर्मियों ने बताया कि कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान वन परिक्षेत्र में हांथीयों ने काफी समय से अपना डेरा जमाए हुए हैं. वन मण्डलाधिकारी एवं उच्च अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हुए वन कर्मचारी सीमित संसाधन एवं विपरीत परिस्थिति में भी वन्य प्राणी एवं हांथीयों के ट्रेकिंग तथा वनों की सुरक्षा व हांथी मानव द्वंद को रोकने का कार्य पूरी ईमानदारी से करते आ रहे हैं.
वन परिक्षेत्र पसान अंतर्गत हांथीयों द्वारा फसल, मकान हानि का मुआवजा प्रकरण विलंब से प्रस्तुत करने का कारण बताकर वन कर्मचारी कौशल प्रसाद द्विवेदी, सुरेश यादव, लालजी यादव को 4 सितंबर को निलंबित किया गया एवं वनपाल शिवशंकर तिवारी को निलंबित करने के लिए प्रस्ताव वरिष्ट कार्यालय भेजा गया है. वन कर्मचारियों के साथ हुए इस निलंबन की कार्यवाही से समस्त वन कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश है. उन्होंने बताया कि उन्होंने DFO शमा फरुखी से मांग की है कि समस्त कर्मचारियों की मनोदशा को ध्यान रखते हुए निलंबित कर्मचारियों को कलेड से जल्द से जल्द बहाल करें तथा प्रस्तावित कार्यवाही को निरस्त करें.
ज्ञापन सौपने आये वन कर्मियों ने बताया कि DFO द्वारा यदि निलंबित वन कर्मियों को बहाल नहीं किया गया तो वे जिला वन कर्मचारी संघ के बैनर तले उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.