कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- किसानों को अब सब्जी, मसाले एवं फल-फूल जैसे उद्यानिकी फसल लेने पर भी आदान सहायता राशि मिलेगी। राज्य शासन द्वारा फसल उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को आर्थिक लाभ देने के उद्देश्य से संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन की उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कर लिया गया है। राज्य में खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को योजना के प्रावधान के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि मिलेगी। खरीफ सीजन 2020 में धान की खेती वाले रकबे में यदि उद्यानिकी फसलों की खेती चालू खरीफ सीजन में किए जाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान योजना के तहत किया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के उद्यानिकी कृषकों में उत्साह है। इससे राज्य में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिलेगा। फसल विविधीकरण से लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में भी सुधार होगा।
सहायक संचालक उद्यानिकी श्री दिनकर ने बताया कि कोरबा जिले में सात हजार 701 हेक्टेयर में किसानों द्वारा उद्यानिकी फसलें ली जाती है। जिनमें सर्वाधिक छह हजार 161 हेक्टेयर में सब्जी, एक हजार 175 हेक्टेयर में मसाला, 345 हेक्टेयर में फल एवं 20 हेक्टेयर में औषधी एवं सुगंधित फसलें शामिल हैं। सहायक संचालक ने बताया कि खरीफ मौसम में फलोत्पादन के तहत केला, पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें तथा सब्जी की खेती के अंतर्गत टमाटर, आलू, भिंडी, बैगन, शकरकंद एवं कद्दू वर्गीय फसलें, पुष्प के अंतर्गत गुलाब एवं गेंदा फूल की खेती, मसाले की अंतर्गत मिर्ची, हल्दी, अदरक उत्पादक किसानों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता राशि दी जाएगी। काजू प्लांटेशन करने वाले किसानों को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अनुदान सहायता मिलेगी।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादक किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया था। बाद में इस योजना के प्रावधान को संशोधित कर उसमें कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल कर लिया गया। अभी हाल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ वर्ष 2021-22 से खरीफ की सभी फसलों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है।