राजनांदगांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़): फास्ट ट्रैक कोर्ट (fast track court) के विशेष जज शैलेश शर्मा ने दुष्कर्म के अपराधी को फांसी की सजा (Death penalty for rape convict) सुनाई है. आरोपी ने साढे़ तीन वर्षीय मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर उसके के साथ दुष्कर्म किया था. जब बच्ची ने इसका विरोध किया तो, उसकी चीख-पुकार को बंद करने के लिए आरोपी ने तकिए से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने गांव के ही 25 वर्षीय आरोपी शेखर कोर्राम को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलता रहा. बच्ची के परिजनों ने शहर में रैलियां निकालकर आरोपी को तत्काल फांसी देने की मांग की थी.
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
HC तय करेगा फांसी की तारीख
कोरोना काल की वजह से कोर्ट बंद रहने के चलते मामले की सुनवाई में कुछ रुकावट आ रही है. इसके बावजूद इस मामले में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता परवेज अख्तर ने बताया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने वाले आरोपी को फांसी की सजा दी गई है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट से पुष्टि होने के बाद फांसी की तारीख तय होगी.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय देने के लिए डीएनए टेस्ट के जरिए मामले की पुष्टि की गई. इसके बाद अन्य सबूतों और गवाहों के आधार पर दोषी को फांसी की सजा धारा 302 के तहत सुनाई गई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में त्वरित न्याय देते हुए जिले में इस तरह के आरोप की पुष्टि के बाद फांसी की सजा का यह पहला मामला है. इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है.