कटघोरा : इस बार का गणेश उत्सव कुछ होगा कुछ अलग.. गणपति प्रतिमा से लेकर पूजा पंडाल का पैमाना हुआ है तय.. शांति समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : आने वाले गणेश उत्सव के दौरान कोरोना की तीसरी संभावित लहर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कलेक्टर रानू साहू ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए है. जिसे लेकर गणेश उत्सव के पूर्व कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी सूर्यकिरण तिवारी ने शांति समिति की बैठक आयोजित की. शांति समिति की बैठक में कटघोरा के गणमान्य नागरिकों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि, पत्रकार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा थाना प्रभारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

आज की शांति समिति की बैठक में अनुविभागीय अधिकारी सूर्यकिरण तिवारी ने आज की बैठक में उपस्थित सभी लोगों से गणेश उत्सव के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि अवैध चंदा वसूली हेतु निर्देश दिया तथा अवैध चंदा वसूली की शिकायत मिलने पर संबंधित समिति की विरुद्ध भा.द.सं. की धारा 384 के तहत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया. आज की बैठक में कटघोरा नगर पालिका अधिकारी जेबी सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल, राज जायसवाल, हसन अली, अशरफ मेमन,खण्ड चिकित्सा अधिकारी रुद्रपाल सिंह कंवर, थाना प्रभारी नवीन देवांगन, लोक निर्माण के SDO रहमान, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अजय धनोदिया, नवीन गोयल, शारदा पाल, शशिकांत डिक्सेना, आशुतोष शर्मा, सत्या साहू, जय प्रकाश साहू तथा नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

गणेश उत्सव को लेकर शासन द्वारा जारी निर्देश :

इस बार गणेश उत्सव के दौरान 08 फीट ऊंचाई से अधिक आकार की गणेश मूर्तियां पंडालो में स्थापित नही की जा सकेगी. मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फिट से अधिक नही होगा। गणेश पंडालो के सामने कम से कम 500 वर्ग फिट की खुली जगह भी रखनी होगी. इसके साथ ही घरो पर गणेश प्रतिमाओ की स्थापना के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा अनुमति लेनी होगी. इसके लिए संबंधित अनुभाग के एसडीएम कार्यालय में सात दिन पहले आवेदन देना होगा. कलेक्टर किरण कौशल ने गणेशउत्सव के दौरान लगने वाले पण्डालों में भीड़ और श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या में मौजूदगी को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए है, ताकि गणेश उत्सव जैसे पवित्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण के फैलाव की संभावना को कम किया जा सके. गणेश उत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के साथ-साथ भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा. निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत् कठोर कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी.

समितियां रखेंगी रजिस्टर, नोट होगा नाम, पता, मोबाइल नम्बर-

जारी किए गए निर्देशो के अनुसार पंडाल के सामने पंडाल एवं सामने 500 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होना चाहिए। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही लगाया जाएगा. दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगेंगी। किसी भी स्थिति में एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक मौजूद नही होंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना होगा, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश से रोकने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।

संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च

यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा. कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी. मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी.

विसर्जन के लिए केवल एक वाहन की अनुमति मिलेगी, 4 व्यक्ति से अधिक नहीं जा सकेंगे –

मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा-एस (छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा. मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं सभी मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे. अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी. विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा. शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे. विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी. सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.