कटघोरा: अधिवक्ताओं के धरना स्थल पहुंचे खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता ज्योतिनंद दुबे.. कहा 26 जनवरी नही 1 नवंबर को हो जिले का एलान.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- अनुविभाग को जिले का दर्जा दिए जाने की मांग लगातार मजबूत होती जा रही है. अलग-अलग सामाजिक संगठनों, संघ और समितियों के समर्थन के बाद आज प्रदेश की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के नेता व खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिनंद दुबे भी अन्य भाजपा नेताओं के साथ छिर्रा के व्यवहार न्यायालय स्थित अधिवक्ताओं के धरना स्थल पहुँचे और कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग को अपना नैतिक, औपचारिक समर्थन दिया. उन्होंने सरकार से इस बारे में मांग किया है कि सभी का प्रयास है कि आने वाले गणतंत्र दिवस तक कटघोरा को जिला बनाये जाने का एलान किया जाए लेकिन वे चाहते है कि छत्तीसगढ़ गठन दिवस यानी एक नवंबर को ही सरकार यह ऐतिहासिक घोषणा कर दें.

ज्योतिनंद दुबे ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में उनकी कोशिश जब अंतिम दौर पर थी इसी दौरान दुर्भाग्य से नेतृत्व परिवर्तन हो गया और कटघोरा को जिले का दर्जा नही मिल पाया लेकिन अब जब पार्षद से लेकर विधायक और सांसद भी एक ही दल के है लिहाजा इस मांग को पूरा होने में ज्यादा समय नही लगना चाहिए. क्षेत्रीय विधायक ने भी विजयी होने पर इस मांग को पूरा करने की बात कही थी अतः कटघोरा को जिले का दर्जा देकर क्षेत्रवासियों और मतदाताओं के भावनाओ का सम्मान हो.

उन्होंने कहा कि कटघोरा ऐतिहासिक तहसील है लेकिन आज यहां के लोगो को अपने हर कार्य के लिए कोरबा जिले की दौड़ लगानी पड़ती है. कटघोरा का भौगोलिक विस्तार इतना अधिक है कि जिला मुख्यालय से यह दूरी सौ किलोमीटर से भी ज्यादा है ऐसे में ग्रामीणजनों को होने वाली समस्याओं को समझा जा सकता है. जनमानस के इन्ही परेशानियों को महसूस करते हुए क्षेत्रीय सांसद ज्योत्सना महंत, कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कँवर व पाली-तानाखार के विधायक मोहितराम केरकेट्टा तत्काल इस ओर पहल करें.

“मांग नही कटघोरा को जिला बनाना हमारा अधिकार है” – पवन गर्ग

धरना स्थल पर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन गर्ग ने साफ किया कि कटघोरा को जिला बनाना हमारी मांग नही बल्कि हमारा अधिकार है. निश्चित ही हमारे ही प्रयासों में हुई कमी का नतीजा है कि हम आज तक अपने इस अधिकार से वंचित है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने हमेशा से ही इस ओर ईमानदारी से प्रयास किया है. जिस तरह से सर्वदलीय बैठके पूर्व में हुई, पार्षद से लेकर सांसद, विधायक और मंत्रियो के डेलिगेशन ने पहल की. यदि 2018 में सरकार नही बदलती तो कटघोरा आज जिले के तौर पर जाना जाता. आज जब प्रदेश और जिले में कांग्रेस “टॉप टू बॉटम” की स्थिति में है तो उन्हें इस बारे अपना रुख साफ करना चाहिए.

धरना स्थल में अपना समर्थन देने वालो में ज्योतिनंद दुबे के अतिरिक्त, पूर्व जिलाध्यक्ष पवन गर्ग, भाजपा मंडल अध्यक्ष धन्नू प्रसाद दुबे, किसान मोर्चा के मण्डल प्रमुख अशोक तिवारी, अजीत कैवर्त, सुजीत सिंह, नवीन गोयल के अलावा अन्य भाजपा के पदाधिकारी के बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे.