रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे इंडस्ट्रियल इलाके सिलतरा में हड़ताली श्रमिकों को रोकने गई पुलिस पर श्रमिकों ने पथराव कर दिया था. इतना ही नहीं श्रमिकों ने पुलिस की बस को भी आग के हवाले कर दिया. इस मामले में पुलिस ने 15 श्रमिकों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी के खिलाफ पुलिस ने शासकीय काम में बाधा और शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई मामलों में केस दर्ज किया है.
SKS इस्पात में हंगामा
सिलतरा स्थित SKS इस्पात कंपनी के श्रमिकों ने वेतन वृद्धि समेत अनेक मामलों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शन कारियों के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई. पुलिस वाहन को जलाने के अलावा जवानों पर पथराव भी किया गया था. जिस पर आरोपियों के खिलाफ थाना धरसीवां में धारा 186, 353, 332, 427, 435, 448, 147, 148, 149 और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी आरोपियों की पतासाजी की जा रही है.
पुलिस वाहन में मजदूरों ने लगाई आग
आश्वासन के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से भड़के
औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा स्थित SKS इस्पात में पिछले माह भी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की गई थी, लेकिन उस वक्त जल्द ही मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन कंपनी की तरफ से मांग पूरी नहीं किए जाने से कर्मचारियों का आक्रोश पुनः भड़क गया है. नारेबाजी करते हुए श्रमिक कंपनी के कैंपस में घुस आए. कंपनी की तरफ से पुलिस को खबर दी गई. इस दौरान सिलतरा इलाके की पुलिस चौकी से जवानों की क्विक रिस्पांस टीम बस में सवार होकर आई. पुलिस को देख मजदूर भड़क गए और अपनी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच कुछ मजदूरों ने पुलिस वाहन को ही आग के हवाले कर दिया.
14 जुलाई को आश्वासन के बाद खत्म हुआ था आंदोलन
श्रमिक वेतन वृद्धि, सुरक्षा उपकरण दिए जाने और बीमा समेत अन्य मांगों को लेकर 14 जुलाई से हड़ताल पर थे. इस दौरान तहसीलदार के सामने फैक्ट्री प्रबंधन ने मांगों को मानते हुए मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था. फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से मिले आश्वासन के बाद श्रमिकों ने आंदोलन खत्म कर दिया था, लेकिन मांगे पूरी नहीं होने के बाद दोबारा प्रदर्शन शुरू कर दिया.
घटना के संदर्भ में SKS इस्पात के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक गुप्ता ने बताया था कि ‘मजदूरों की मांग लगभग पूरी कर दी गई थी. 90 परसेंट मजदूर काम पर लौटने के लिए तैयार थे. कुछ मजदूर शराब पीकर आए और हंगामा करने लगे. इसकी सूचना जब हमने पुलिस को दी तब मौके पर पहुंची. पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की गई और पुलिस के वाहन को आग लगा दी गई. फैक्ट्री के अंदर कंप्यूटर और खिड़कियों पर भी तोड़फोड़ की गई है.