जन्म जन्मांतर के पुण्य जब मिलते है तो भागवत प्राप्ति होती है-नरेंद्र महराज

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-पाली स्थित महामाया मंदिर में कलश यात्रा एवं पूजा अर्चना के साथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ हुआ, कथा वाचन पूज्य महराज नरेंद्र शर्मा के मुखारबिंद से किया जा रहा है, कथा के प्रथम दिवस देव आहवान के बाद भागवत महात्म्य की कथा प्रसंग का श्रवण कराया गया।
भागवत कथा रविवार को कलश यात्रा एवं विधिवत पूजा अर्चना के साथ प्रारंभ हुआ, पूरे ग्राम के देव स्थलों में भ्रमण एवं पूजा अर्चना पश्चात कलश यात्रा कथा पंडाल पहुँची, कथा वाचक पूज्य महराज नरेंद्र शर्मा ने कथा प्रसंग के दौरान श्रीमद् भागवत कथा की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा कि कथा श्रवण मात्र से पापियों का पाप धुल जाता है वही श्रोताओं के सभी कष्टों से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है,और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है,संसार में श्रीमद् भागवत कथा के समान कल्याणकारी कोई अन्य उपयोगी ग्रंथ नहीं है, उसमें ध्यान ज्ञान कर्म भक्ति सहित विविध विषय वस्तु आदि जितने भी साधन बताए गए हैं, उनमें से किसी भी साधन से अपनी श्रद्धा रुचि और योग्यता के अनुसार करने से मनुष्य का शीघ्र कल्याण हो सकता है जो सच्चे मन से भगवान की भक्ति करता है उचित सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है,आयोजक समिति महामाया समिति एवं मुख्य यजमानों ने सभी भक्तों को अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।ज्ञात हो कि महराज नरेंद्र शर्मा का यह पहला भागवत गद्दी है श्री शर्मा लाफ़ागढ के राजपुरोहित भागवताचार्य पं.मुरली मनोहर शर्मा एवं भगवताचार्य श्रीमती हेमलता शर्मा के सुपुत्र है।