कई अहम फैसलो और सियासी उठापटक के बीच सम्पन्न हुआ विधानसभा का मानसून सत्र.

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): 26 जुलाई से जारी छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो गया. इस 5 दिनों के सत्र में विधानसभा में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. लगभग 2500 करोड़ का अनुपूरक बजट पास कराया गया. तो वहीं बृहस्पति-सिंहदेव विवाद भी सुर्खियों में रहा. मानसून सत्र के अंतिम दिन धर्मांतरण रोकने के लिए बीजेपी की तरफ से अशासकीय संकल्प लाया गया . इसके तहत मत विभाजन की मांग की गई थी. इसके पक्ष में 13 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 54 वोट पड़े. उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया.

इस सत्र में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण विधेयक को पारित कराना जैसी सफलता सरकार के हिस्से रही. वहीं शराब बंदी, गोबर खरीदी धर्मातंरण जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला. इस सत्र के दौरान स्पीकर, मुख्यमंत्री ने भी विपक्ष की तारीफ की. हालांकि, इस दौरान सियासी दांवपेच का एक अलग एपिसोड भी सामने आया.इस सत्र को टीएस सिंहदेव -बृहस्पति सिंह विवाद के लिए भी याद किया जाएगा.

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण रोकने के लिए अशासकीय संकल्प लेकर आए. इस पर विपक्ष ने मत विभाजन की मांग की. इसके पक्ष में 13 वोट और विपक्ष में 54 वोट पड़े. इस तरह ये अशासकीय संकल्प पारित नहीं हो पाया. धर्मांतरण रोकने के लिए विपक्ष का अशासकीय संकल्प पारित नहीं हो पाया. इस मामले पर CM भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कई BJP नेता अलग धर्मों में विवाह किए हैं, क्या ये विवाह लव जिहाद की श्रेणी में आता है?

इसके अलावा आज सदन में शराब बंदी का मुद्दा भी छाया रहा. शराबबंदी को लेकर लाए गए अशासकीय संकल्प पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा शराब के कारण अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, सरकार शराब बंदी करने के बजाए समिति बना दी. मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस पर कहा कि शराबबंदी के लिए 3 समितियां बनाई है, इन्हीं के सुझाव पर निर्णय लिया जाएगा. लेकिन समिति के लिए भाजपा ने विधायकों का नाम ही नहीं दिए हैं. वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा पर असत्य कथन का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए गंगाजल नहीं उठाया 25 सौ रु में धान खरीदी के लिए गंगाजल उठाया था. इसके बाद शराबबंदी के अशासकीय संकल्प पर मत विभाजन हुआ इसमें पक्ष में 13 और विपक्ष में 58 मत पड़े. और ये अशासकीय संकल्प गिर गया.

सदन में विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग करने पर मुख्यमंत्री बघेल ने चुटकी ली है, उन्होंने कहा है कि डी पुरंदेश्वरी के हंटर का असर विधानसभा में दिखा इसलिए BJP विधायक बार-बार मत विभाजन मांग रहे हैं. इस तरह कई अहम फैसलों. अपनों की नाराजगी फिर मानमनौव्ल का दौर, एक दूसरे पर कभी तीखा तो कभी चुटीला प्रहार करते हुए विधानसभा का मानसून सत्र का समापन हो गया.