जगदलपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- जगदलपुर शहर को स्मार्ट सिटी (Jagdalpur Smart City) के तर्ज पर विकसित करने के लिए नगर निगम ने एक शानदार काम किया है. जिसकी हर ओर तारीफ हो रही है. वो कार्य है पेड़ों की शिफ्टिंग (tree shifting in Jagdalpur) का. जिससे पेड़ों को कटाई से (save trees from being cut down) बचाया जा सके. शहर में जगदलपुर नगर निगम (Jagdalpur Municipal Corporation) सौंदर्यीकरण का काम कर रहा था. जिसके तहत सड़कों का भी निर्माण और चौड़ीकरण (Road widening in Jagdalpur) होना था. लेकिन इस कार्य में कुल 74 पेड़ों की कटाई होने वाली थी. जो पर्यावरण की दृष्टि से नुकसानदेह था. जगदलपुर के कई नागरिक इसका विरोध करने लगे. पर्यावरण प्रेमियों ने मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद तत्काल पेड़ों की कटाई रुकवा कर इसकी शिफ्टिंग के लिए दिल्ली से एक्सपर्ट को बुलाया. अब यहां पेड़ों की शिफ्टिंग हो रही है.
जगदलपुर में 74 पेड़ों की हो रही शिफ्टिंग
पूरे प्रदेश में पहली बार हो रही पेड़ों की शिफ्टिंग
छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में जगदलपुर पहला नगर निगम है जहां सड़क के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की शिफ्टिंग (tree shifting in Jagdalpur) हो रही है. पेड़ों को एक जगह से दूसरे जगह पर लगाने का यह काम काफी कारगर साबित हो रहा है. सालों पुराने विशालकाय पेड़ों को मशीन और एक्सपर्ट की मदद से जड़ से उखाड़ कर शिफ्टिंग कर दूसरे जगह पर रोपा जा रहा है. कुल 74 पेड़ों की शिफ्टिंग (74 Tree Shifting) की जानी है. इसके लिए दलपत सागर तालाब के किनारे जगह निर्धारित की गई है. जहां पेड़ों की शिफ्टिंग की जा रही है.
शहर के दूसरे इलाकों में भी होगी पेड़ों की शिफ्टिंग: नगर निगम आयुक्त
जगदलपुर नगर निगम (jagdalpur Municipal Commissioner Prem Kumar Patel) आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि उनकी टीम ने पेड़ों की शिफ्टिंग के लिए विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी (Vinica Horticulture Landscape Company) से संपर्क किया है. जिसके बाद धरमपुरा में विशालकाय पेड़ों की शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया गया. कुल 74 पेड़ों की शिफ्टिंग 15 से 20 दिनों में होगी. इसके लिए जेसीबी मशीन और अन्य मशीनों के साथ मजदूरों को भी लगाया गया है. उनका कहना है कि जड़ से पेड़ों को निकालने के बाद यह देखा जा रहा है कि यह पेड़ दूसरी जगह भूमि पर लगाई जा सकती है या नहीं. कुल 74 पेड़ों की शिफ्टिंग के बाद अगर पेड़ जीवित रहते हैं तो इस तरह की शिफ्टिंग का कार्य शहर के दूसरे इलाकों में भी होगा.
ट्री शिफ्टिंग की पर्यावरण प्रेमी कर रहे तारीफ
पेड़ो की शिफ्टिंग (shifting of trees) किए जाने से जहां पेड़ों की कटाई पर रोक लग गई है. तो वहीं इस वजह से पर्यावरण को भी फायदा पहुंच रहा है. पर्यावरण प्रेमियों ने भी इसकी तारीफ की है. आयुक्त ने बताया कि एक्सपर्ट की टीम को सभी संसाधन मुहैया कराई गई है. एक दिन में करीब 5 से 6 पेड़ों की शिफ्टिंग कराई जा रही है. नगर निगम के इस कार्य की पर्यावरण प्रेमी जमकर सराहना (Environment lovers are praising tree shifting work) कर रहे हैं. शहर के वरिष्ठ नागरिक संजीव पचौरी (Sanjeev Pachauri) ने बताया कि नगर निगम की यह बहुत अच्छी पहल है. विकास के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों को ना काटकर उन्हें शिफ्ट किए जाने से बस्तर में हरियाली बने रहने के साथ ही पर्यावरण सुरक्षित रहेगा. जगदलपुर नगर निगम के साथ ही प्रदेश के अन्य नगर निगम को भी इस पर ध्यान देना चाहिए और तेजी से हो रहे पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए इस तरह से पेड़ों कि शिफ्टिंग पर जोर देना चाहिए. घटते जंगलों को बचाने के लिए इस तरह से शिफ्टिंग के कार्य पर राज्य सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए.
पेड़ों की शिफ्टिंग में लगी 7 लोगों की टीम
पेड़ों को शिफ्टिंग के लिए दिल्ली से आए विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी के डायरेक्टर अफजल चौधरी (Afzal Choudhary director of Vinca Horticulture Landscape Company) ने कहा कि, कुल 7 लोगों की टीम इस कार्य में लगी हुई है. अफजल चौधरी ने बताया कि उनकी कंपनी की तरफ से अब तक देश भर में 15 हजार से अधिक पेड़ों की शिफ्टिंग की जा चुकी है. इस कार्य के दौरान सबसे पहले पेड़ों को ट्रेडिंग किया जाता है. उसके बाद उसमें बैलेंस बनाया जाता है. ताकि पेड़ गिरे नहीं, इसके अलावा पेड़ों को ट्रीटमेंट करने के बाद पेड़ पर फर्टिलाइजर लगाया जाता हैं. इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर रूटेक्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि पेड़ को हारमोंस मिले और पेड़ जल्द सर्वाइव कर सके. उन्होंने बताया कि एक पेड़ को शिफ्ट करने के लिए सारे संसाधनों को मिलाकर 10 से 15 हजार रु खर्च होते हैं. वही पिछले 3 दिनों में उनके द्वारा 20 से अधिक पेड़ों को शिफ्ट कर लिया गया है. अब आने वाले 15 से 20 दिनों में 74 पेड़ों को शिफ्ट कर लिया जाएगा.