कटघोरा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 1 जुलाई से जिले में रोका-छेका अभियान शुरू किया गया है. लेकिन यह सिर्फ कार्यक्रमों तक सीमित हो गया है. असल में अब भी मवेशी सड़कों पर डेरा डाले नजर आ रहे हैं. इस पर अब तक प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है.
शासन की महत्तवकांक्षी योजना का क्रियान्वयन सिर्फ दिखावे तक ही सीमित नजर आ रहा है. तानाखार क्षेत्र में नेशनल हाईवे 130 में आज भी मवेशी सड़कों पर बैठे नजर आ रहे हैं. ये मवेशी हादसों को आमंत्रित कर रहे हैं. बारिश के बाद मवेशी अक्सर मुख्य सड़कों पर बैठ जाते है, जिनकी चिंता न नगर प्रशासन कर रहा है और न ही यातायात विभाग. लगातार इस सड़क में मवेशी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में तानाखार में लगभग 30 मवेशी दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गवाई हैं. पशुपालक भी इस तरह की लापरवाही के बराबर जिम्मेदार नज़र आ रहे हैं. उन्हें अपने पालतू जानवरों से कोई सरोकार नहीं है तभी वे पशुओं को खुल्ले में छोड़ देतें हैं. जिसकी वजह से रोजाना पशु हादसे का शिकार हो रहे हैं.
सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा
मवेशियों के सड़कों पर डेरा डालने से हर साल कई वाहन चालक हादसे का शिकार होते हैं. पशुओं के सड़कों पर बैठने के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और मवेशियों को संरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री ने रोका छेका अभियान की शुरुआत की थी. लेकिन इस अभियान की वास्तविकता की पोल कोरबा जिले के सभी क्षेत्रों की सड़कों पर बैठे मवेशी खोल रहे हैं.
पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने कहा भूपेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में करोड़ों रुपए खर्च कर सभी ग्राम पंचायतों में गोठान निर्माण करा रही हैं. वहीं रोका छेका कार्यक्रम चला रही, लेकिन ये कोरबा जिले फेल होती नजर आ रही हैं. क्षेत्र की बात करें तो दिन रात सड़कों पर मवेशियों के जमावड़ा लगा रहता है. जब मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर गांव-गांव में गोठान निर्माण करा रही है और मवेशी सड़कों में घूम रहे हैं तो इस प्रकार की योजना किस काम की है. नेशनल हाईवे में रोज़ मवेशी हादसे के शिकार हो रहे है. प्रशासन की लचर व्यवस्था से योजना पर नही हो रहा अमल.
SDM मरकाम ने ग्राम पंचायतों को दिया निर्देश..पशुओं को ग्राम पंचायत में ही सुरक्षित रखने की करें व्यवस्था
नेशनल हाईवे 130 कटघोरा से मोरगा के लगभग 15 ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिव की बैठक लेकर निर्देशित किया कि सड़क पर मवेशियों की मौत को लेकर सभी ग्राम पंचायत मवेशियों को ग्राम पंचायत के भीतर रखने की व्यवस्था करें. उन्होंने ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि8 रोका छेका की शुरुवात से ही हाईवे में आवारा पशुओं के घूमने पर नियंत्रण के लिए सरपंच सचिवों को कोटवार के जरिये मुनादी कराने की बात कही. बताया कि कटघोरा से मोरगा तक मुख्य मार्ग पर ढाबा होने से मवेशियों का जमावड़ा सड़कों पर बना रहता है और दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. अभी तानाखार से लेकर बरपाली के बीच काफी संख्या में मवेशियों की मौत हुई है जिसे लेकर ग्राम पंचायतों को मवेशियों को सुरक्षित रखने निर्देशित किया गया है.