कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- आदिवासी अस्मिता व उनके अधिकारों को लेकर मुखर रहने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला इकाई के भीतर जमकर रार मचा है. पार्टी के जिलाध्यक्ष समेत करीब सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओ ने प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व को खत लिखकर सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है. इस सम्बंध में मंगलवार को जिला इकाई की तरफ से स्थानीय लोनिवि विश्राम गृह में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी. पार्टी के मौजूदा जिला प्रमुख ने मीडिया के सामने इस उठापटक के वजहों का खुलासा करते हुए नेतृत्व से अपनी मांगों को सामने रखा. जिलाध्यक्ष ने पार्टी नेतृत्व को 15 दिनों की मोहलत देते हुए मांगो पर कार्रवाई की बात कही है. पार्टी ने अगर संज्ञान नही लिया तो पाली, पोंड़ी व कोरबा ब्लॉक के पदाधिकारी समेत दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ता अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि वे पार्टी के प्राथमिक सदस्य बने रहेंगे.
क्षेत्रीय नेता पर ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप.
मीडिया से मुखातिब होते हुए गोंगपा के नाराज नेता व जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार पोर्ते ने पार्टी के ही एक अन्य सदस्य लाल बहादुर कोर्राम पर गंभीर आरोप मढ़े है. बताया है की बिना पद के भी लालबहादुर कोर्राम संगठन के भीतर गलतफहमियां पैदा कर रहे है. वे सोशल मीडिया समेत सार्वजनिक रूप से पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी करते हुए पार्टी की छवि को धूमिल करने में जुटे हुए है. गोंगपा की तरफ से प्रस्तावित कुछ आंदोलन जिसे कोविड की वजह से स्थगित कर दिया था उनके स्थगन की वजह पैसो के लेनदेन को बताया जा रहा है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि लाल बहादुर कोर्राम पर पूर्व में भी अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे और उनपर कार्रवाई हुई थी लेकिन फिर से एक बार वे पार्टी में रहते हुए पार्टी के ही खिलाफ काम कर रहे है. उन्होंने कई दफे इसकी शिकायत प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष से लिखित तौर पर की है लेकिन किसी तरह एक्शन नही लिया गया. लाल बहादुर कोर्राम लगातार ऐसे विषयो ओर आंदोलन के लिए कार्यकर्ताओं को बाध्य करते है जो पार्टिहित में नही है. जिलाध्यक्ष सुरेश पोर्ते ने लाल बहादुर कोर्राम पर यह भी आरोप लगाया कि वे पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधि जो गोंगपा के सदस्य है उन्हें धमकियां देकर ब्लैकमेल करते है. इससे ना सिर्फ पार्टी की आदि छवि आमजनो के बीच धूमिल हो रही है बल्कि संगठन के सुचारू संचालन में भी समस्याएं पेश आ रही है. वे मांग करते है कि लाल बहादुर कोर्राम को पार्टी से पृथक किया जाए. गोंगपा का प्रदेश नेतृत्व अगर किसी तरह की कार्रवाई सुनिश्चित नही करता तो वे और उनके साथी अपने पदों से त्यागपत्र देने के लिए बाध्य होंगे. गौरतलब है कि प्रदेश कोरबा जिला ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का अभेद किला रहा है. गोंगपा के पितृ पुरुष माने जाने वाले दिवंगत नेता हीरा सिंह मरकाम पाली-तानाखार से एकमात्र विधायक भी रहे. क्षेत्र में पार्टी का मजबूत आधार है जहां चुनावो में वे राष्ट्रीय दलों को सीधी टक्कर देते है. बावजूद अगर जिला इकाई के नेता बगावती रुख अख्तियार करते है तो यह ना सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि उनके राजनीतिक बुनियाद के लिए संकट पैदा हो सकता है. आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मौजूद रहने वाले नेताओं में जिलाध्यक्ष सुरेश पोर्ते के अलावा रविन्द्र महंत, सहेत्तर सिंह, सीएस मरकाम, सोहन पोर्ते व अन्य शामिल थे.
लाल बहादुर कोर्राम की सफाई “महत्वकांक्षी नेता पार्टी छोड़े”.
तमाम गम्भीर आरोपो के घेरे में आये लाल बहादुर कोर्राम ने भी इस मामले में अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि गोंगपा जमीनी कार्यकर्ताओं की पार्टी है जो जमीनी मुद्दों के साथ मूल निवासियों, शोषित, दलित, पीड़ित वर्ग के विषयों पर अपनी आवाज मुखर करती है. बावजूद इन सबके यदि कुछ नेता अपनी निजी महत्वकांक्षाओं को साधने में जुटे है तो उन्हें तत्काल पार्टी छोड़ देना चाहिए. फिलहाल वे अपने ऊपर लगे आरोपो को सिरे से खारिज करते है. नेतृत्व अगर उन्हें शोकॉज करती है तो वे मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगो ने गोंगपा को क्षेत्र में कमजोर करने का काम किया है वही आज इस्तीफे का स्वांग रच रहे है. लाल बहादुर कोर्राम ने इस बात से भी इंकार किया है कि एक-दो पदाधिकारियों को छोड़कर कोई भी इस्तीफा नही देना चाहता.
राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान. फिलहाल किसी का इस्तीफा नही होगा मंजूर.
इस पूरे मामले पर हमने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय मुखिया तुलेश्वर सिंह मरकाम से भी चर्चा की. उन्होंने किसी तरह के इस्तीफा सम्बन्धी मामले की जानकारी नही होने की बात कही है. साथ ही बताया कि इसपर प्रदेश कमेटी फैसला करेगी. तुलेश्वर मरकाम ने साफ किया कि यदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस्तीफे के इच्छुक है तो पहले पार्टी स्तर पर बैठक कर समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाएगा. फिलहाल किसी का इस्तीफा मंजूर नही किया जा रहा है.