कोरोना वैशिनेशन के बाद भी सावधानी जरूरी : टीएस सिंहदेव

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): एक तरफ देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना का डेल्टा प्लस वैरियंट (Delta Plus variant ) फिर से चिंता बढ़ा रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना का डेल्टा प्लस वैरियंट ज्यादा खतरनाक हो सकता है. लिहाजा मास्क, वैक्सीन और सोशल डिस्टेंसिंग में लापरवाही बरतने से खतरा बढ़ सकता है. सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी यहीं बातें कही. उन्होंने कोरोना के कम होते संक्रमण दर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी. डेल्टा प्लस वैरियंट को लेकर टीएस सिंहदेव (ts singhdeo) ने चिंता जताई. सिंहदेव ने कहा कि कोरोना नए वैरियंट (new variant of corona) के साथ वापस आया है. इसलिये ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है.

‘इसरायल में फिर से बढ़ रहे कोरोना केस’

मीडिया से चर्चा करते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस समय हमें ज्यादा सावधानी रखनी होगी. इसरायल के बारे में बताते हुए सिंहदेव ने कहा कि उस देश ने अपनी आबादी के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर दिया है. लेकिन एक बार फिर वहां कोरोना (corona) के केस बढ़ने की खबर आ रही है. जिसे देखते हुए इसराइल ने पाबंदियों में जो छूट दी थी. उसे वापस फिर से लगा दिया है. बाहर से आने-जाने वाले लोगों पर खास निगरानी रखी जा रही है.

‘सिंगापुर में तानाशाह व्यवस्था’

सिंगापुर का उदाहरण देते हुए टीएस ने कहा कि इस देश में कोरोना को एक सामान्य सर्दी-खांसी की तरह ट्रीट करने को कहा गया है. हालांकि ये कहा गया कि सर्दी-खांसी से मौत नहीं होती है. लेकिन कोरोना से मौत हो सकती है.

‘डेल्टा प्लस वैरियंट को लेकर रहे सावधान’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डेल्टा प्ल्स वैरियंट काफी खतरनाक है. इसलिए ऐसा बिल्कुल नहीं सोचना है कि वैक्सीनेशन के बाद कोरोना नहीं होगा. इसरायल जैसे देशों में बड़ी आबादी को टीकाकरण के बाद भी कोरोना दोबारा फैल रहा है. ऐसे में सबकुछ हमारी समझदारी के ऊपर है. ये बिल्कुल नहीं सोचना है कि कोरोना चला गया है.

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ? (What is Delta Variant)

कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट(B.1.617.2) सबसे पहले भारत के महाराष्ट्र राज्य में पाया गया था. इसके चलते ही भारत में दूसरा वेव बना था. वैज्ञानिकों का कहना है डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) डेल्टा प्लस (AY.1) वैरिएंट में म्यूटेट हुआ है. ये वैरियंट काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है. B.1.617 वैरिएंट में दो अलग-अलग वायरस वैरिएंट से म्यूट हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स कोवि-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप है. (Delta Plus Variant ) जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं (lung cells) के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं.

कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की पहचान 11 जून को हुई थी. पहले जिस देश से कोरोना का कोई वैरिएंट सबसे पहले सामने आता था. उसका नामकरण उस देश के नाम पर होता था. जैसे कुछ वैरिएंट को सिंगापुर वैरिएंट या यूके वैरिएंट कहा गया था. लेकिन फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इनका नामकरण अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा किया गया.